पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को किसानों के पंजाब समेत पूरे भारत में प्रदर्शन के बाद कहा कि उम्मीद है कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज सुनेगी। उन्होंने किसानों के आंदोलन की तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, "उम्मीद है कि किसानों ने गर्मी और कोरोना के इस दौर में सड़कों पर उतरकर जो आंदोलन किया, उसे केंद्र सरकार सुनेगी और कृषि क्षेत्र को बरबाद करने वाले कृषि विधेयकों को वापस लेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो पूरा पंजाब दिल्ली कूच करेगा।"
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इस बीच पंजाब सरकार ने नए कृषि कानूनों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने के संकेत दिए हैं। पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि पंजाब सरकार केंद्र के कृषि अध्यादेशों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी। बादल शुक्रवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
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मनप्रीत बादल ने कहा कि कृषि आय 14 साल में इस साल सबसे कम है। उपज का दाम पिछले 18 साल में इस साल सबसे कम आया है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे, लेकिन उसे लागू न करके किसानों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होने कहा कि तीनों नए कृषि कानूनों में एमएसपी का जिक्र न किए जाने से सरकारी अनाज मंडिया, सब्जी और फल मंडियां समाप्त हो जाएंगी। किसान पूंजीपतियों के तय किए गए मूल्य पर फसल बेचने को मजबूर होंगे। नई व्यवस्था में पूंजीपतियों को ही फायदा होगा।
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पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि किसान विरोधी कृषि बिलों के खिलाफ कांग्रेस आखिरी दम तक लड़ेगी। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में सभी किसानों को समझदारी से काम लेना होगा। किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कदमों को कांग्रेस कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी। सिर्फ कांग्रेस ही सरकार की जन विरोधी नीतियों का डट कर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी किसानों के हितों का नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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