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नैतिक साहस और ईमानदारी है तो चुनाव आयोग शपथपत्र जारी करे.. अशोक गहलोत ने वोट चोरी के खुलासे पर घेरा

अशोक गहलोत ने कहा कि अगर चुनाव में 'धांधली' संस्थागत तरीके से करेंगे, निर्वाचन आयोग और सत्तारूढ़ पार्टी मिल जाएंगे तो फिर लोकतंत्र कहां रहेगा? यह देश में बहुत खतरनाक खेल हो रहा है जिसे लेकर राहुल गांधी ने एक प्रकार से सचेत किया है।

नैतिक साहस और ईमानदारी है तो चुनाव आयोग शपथपत्र जारी करे.. अशोक गहलोत ने वोट चोरी के खुलासे पर घेरा
नैतिक साहस और ईमानदारी है तो चुनाव आयोग शपथपत्र जारी करे.. अशोक गहलोत ने वोट चोरी के खुलासे पर घेरा फोटोः सोशल मीडिया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता को लेकर राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि आयोग में नैतिक साहस और ईमानदारी है तो वह शपथपत्र जारी करके कहे कि देश में कहीं गड़बड़ी नहीं हुई है। गहलोत ने सवाल किया कि निर्वाचन आयोग और देश की सत्तारूढ़ पार्टी मिल जाएगी तो फिर लोकतंत्र कहां रहेगा?

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश, कनार्टक के निर्वाचन अधिकारी के जरिए आप (आयोग) राहुल गांधी को धमकी दिलवा रहे हैं कि आप शपथपत्र दो, उसके बाद हम जांच करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी शपथ क्या देंगे? वे तो संवैधानिक पद पर बैठे ही हैं, संविधान की शपथ लिए हुए हैं।’’

अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग में अगर नैतिक साहस है और ईमानदारी है तो उसको आम जनता के लिए शपथपत्र जारी करना चाहिए कि ‘हम शपथ के साथ कहते हैं देश में किसी जगह गड़बड़ी नहीं हुई।’ वह दे सकता है शपथ पत्र? देश में बहुत खतरनाक स्थिति बनाई गई है।’’

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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्वाचन आयोग पर पूरे लोकतंत्र का भविष्य टिका हुआ है। निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता सबसे जरूरी है क्योंकि उसी से लोकतंत्र का भविष्य जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जो मामला उठाया है उसका असर तो पूरे देश की 140 करोड़ की आबादी पर पड़ने वाला है।

अशोक गहलोत ने कहा कि अगर चुनाव में 'धांधली' संस्थागत तरीके से करेंगे, निर्वाचन आयोग और सत्तारूढ़ पार्टी मिल जाएंगे तो फिर लोकतंत्र कहां रहेगा? यह देश में बहुत खतरनाक खेल हो रहा है जिसे लेकर राहुल गांधी ने एक प्रकार से सचेत किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कोई जमाना था जब हमारे निर्वाचन आयोग की इतनी बड़ी साख थी कि दूसरे मुल्क अपने यहां चुनाव कराने के लिए इसका सहयोग लेते थे। क्या आज वह साख बची है?’’

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गहलोत ने देश में संवैधानिक संस्थाओं के भविष्य को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग, प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो जैसी अन्य एजेंसियों की निष्पक्षता बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बीजेपी पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए इन संस्थाओं को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है।

यहां बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र महादेवपुरा का डेटा सामने रखते हुए आरोप लगाया कि मतदाता सूची में हेरफेर करके "वोट चोरी" का यह मॉडल कई निर्वाचन क्षेत्रों में लागू किया गया है, ताकि भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिल सके।

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