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महाराष्ट्र विधानभवन में हाथापाई मामला, आव्हाड और पडलकर के एक-एक समर्थक गिरफ्तार, जेल भेजे गए

पुलिस ने बताया कि दोनों पर गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने और दंगों को रोकने के दौरान लोक सेवक पर हमला करने या उसके काम में बाधा डालने के आरोप में बीएनएस की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

महाराष्ट्र विधानभवन में हाथापाई मामला, आव्हाड और पडलकर के एक-एक समर्थक गिरफ्तार, जेल भेजे गए
महाराष्ट्र विधानभवन में हाथापाई मामला, आव्हाड और पडलकर के एक-एक समर्थक गिरफ्तार, जेल भेजे गए फोटोः सोशल मीडिया

महाराष्ट्र विधानमंडल परिसर में एक दिन पहले बीजेपी के विधायक गोपीचंद पडलकर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच हुई झड़प और मारपीट के मामले में शुक्रवार को दोनों के एक-एक समर्थक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। आव्हाड और पडलकर के समर्थकों के बीच अप्रिय घटना गुरुवार शाम करीब 5:45 बजे विधान भवन के भूतल पर हुई थी। यह घटना दोनों नेताओं के बीच हुई तीखी बहस के एक दिन बाद हुई।

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पुलिस अधिकारी ने बताया, "आव्हाड के समर्थक नितिन देशमुख और पडलकर के समर्थक सरजेराव उर्फ ऋषिकेश टाकले को मरीन ड्राइव पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उनके बयान भी दर्ज कर लिए गए हैं।" उन्होंने बताया कि उन पर गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने और दंगों को रोकने के दौरान लोक सेवक पर हमला करने या उसके काम में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है।

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पुलिस अधिकारी ने कहा, "देशमुख और टाकले ने एक-दूसरे को गालियां दीं और मारपीट की। वहां छह-सात लोग अवैध रूप से इकट्ठे हुए थे। घटना के दौरान अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे पुलिसकर्मियों के काम को बाधित किया गया। विधान भवन के 41 वर्षीय सुरक्षा अधिकारी की शिकायत पर मरीन ड्राइव पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।"

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इससे पहले सदन में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर दुख व्यक्त किया था और कहा था कि संसदीय शिष्टाचार, आचरण और संवाद को बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी है। फडणवीस ने कहा कि टाकले के खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज हैं और देशमुख का नाम आठ मामलों में है।

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इस अप्रिय घटना को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि सत्र के दौरान आगंतुकों को विधान भवन के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान केवल मंत्रियों, विधायकों, उनके आधिकारिक तौर पर नामित निजी सचिवों और सरकारी अधिकारियों को ही अनुमति दी जाएगी। पडलकर और आव्हाड ने अपने समर्थकों के बीच हुई झड़प पर सदन में खेद व्यक्त किया है।

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