भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर पर दिए नफरत भरे भाषण के बाद पलटवार करते हुए करारा जवाब दिया है। भारत ने कहा कि इमरान के भाषण में अपरिपक्वता नजर आई है और पाकिस्तान ने जहां आतंकवाद को बढ़ावा दिया है और अपना निचला स्तर दिखाते हुए नफरत भरा भाषण दिया है, वहीं भारत जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा के विकास के साथ आगे बढ़ रहा है। इमरान के नफरत भरे संबोधन के खिलाफ कड़ा रुख दर्शाते हुए विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने उनके भाषण पर भारत के जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए कहा, “शायद ही कभी महासभा ने इस मंच पर अपनी बात रखने के अवसर का इस तरह से दुरुपयोग होते देखा है, बल्कि अवसर का दुष्प्रयोग होते देखा है।”
Published: 28 Sep 2019, 11:03 AM IST
उन्होंने कहा कि भारत पर हमला करने के लिए उन्होंने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया जैसे ‘तबाही’ ‘खून-खराबा’, ‘नस्लीय श्रेष्ठता’, ‘बंदूक उठाना’ और ‘अंत तक लड़ना’, एक मध्ययुगीन मानसिकता को दर्शाता है न कि 21वीं सदी के दृष्टिकोण को।
उसने कहा, “एक पुराने और अस्थायी प्रावधान - अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर जो भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर के विकास और एकीकरण में बाधा था, उस पर पाकिस्तान की नफरत भरी प्रतिक्रिया इस तथ्य की उपज है कि जो लोग लड़ाई में यकीन करते हैं वे कभी भी शांति की किरण का स्वागत नहीं करते।”
Published: 28 Sep 2019, 11:03 AM IST
विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव ने कहा, “पाकिस्तान जब आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और नफरत फैलाने वाला भाषण दे रहा है, ऐसे समय में भारत जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा के विकास के साथ आगे बढ़ रहा है।”
विदिशा मैत्रा ने आगे कहा, “भारत के लोगों को अपनी ओर से बोलने के लिए किसी और की जरूरत नहीं है, खासकर उन लोगों की बिल्कुल जरूरत नहीं है जिन्होंने नफरत की विचारधारा पर आतंक का उद्योग खड़ा किया है।”
Published: 28 Sep 2019, 11:03 AM IST
पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए विदिशा मैत्रा ने कहा कि क्या पाकिस्तान की सरकार इस बात स्वीकार करेगी कि वह दुनिया की अकेली ऐसी सरकार है जो यूएन द्वारा प्रतिबंधित अल-कायदा और आईएसआईएस के एक आतंकवादी को पेंशन देती है। उन्होंने पूछा कि क्या क्या पाकिस्तान समझा सकता है कि क्यों यहां न्यूयॉर्क में उसके हबीब बैंक पर टेरर फाइनेंसिंग के लिए जुर्माना लगाया गया और फिर क्यों बैंक बंद करना पड़ा। उन्होंने कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात को झुठला सकता है कि वह ओसामा बिन लादेन का खुलाआम समर्थन करता था।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 28 Sep 2019, 11:03 AM IST
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Published: 28 Sep 2019, 11:03 AM IST