पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) देश के बाकी लोगों की तरह ही भ्रष्टाचार और घपलेबाजी से पीड़ित है। एक नई किताब में यह खुलासा हुआ है। न्यूयॉर्क टाइम्स में काहिरा ब्यूरो चीफ डेक्लान वाल्श ने अपनी 'द नाइन लाइव्स ऑफ पाकिस्तान' नामक किताब में यह खुलासा किया है। देश से निकाले जाने से पहले तक उन्होंने 'द गार्जियन' और फिर 'द टाइम्स' के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संवाददाता के तौर पर नौ साल तक पाकिस्तान को कवर किया है।
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डेक्लान वाल्श किताब में कहते हैं कि हाल के दशकों में आईएसआई नेतृत्व ने कई प्रमुख गलत अनुमान (मिथ्या गणना) लगाए हैं, जिनके न केवल पाकिस्तान के लिए, बल्कि स्वयं जासूसी एजेंसी के लिए भी गंभीर परिणाम सामने आए हैं। किताब इस तथ्य की ओर भी इशारा करती है कि आईएसआई भय को एक हथियार के रूप में उपयोग करती है, लेकिन इसकी क्षमताओं को अक्सर कम करके आंका जाता है।
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हालांकि किताब में एजेंसी को जमीनी स्तर पर प्रभावी बताया गया है, मगर किताब के अनुसार, सीआईए या ब्रिटेन की एमआई-6 के सांचे में आईएसआई एक पेशेवर एजेंसी नहीं मानी जाती है।जो सेना के अधिकारी एजेंसी चलाते हैं, वह कुछ सालों में सेना की अन्य शाखाओं में चले जाते हैं। यह भी इसकी हालत की एक प्रमुख वजह है।
किताब में कहा गया है कि इस्लामाबाद में सीआईए स्टेशन प्रमुख रॉबर्ट ग्रेनियर के अनुसार, जासूसी एजेंसी आईएसआई देश के बाकी लोगों के समान ही भ्रष्टाचार और घपलेबाजी से पीड़ित है। यह अक्सर अपनी सबसे खतरनाक संपत्तियों पर नियंत्रण खो देती है। किताब में इसे इस तरीके से बयां किया गया है, "कठपुतली मास्टर जो अपनी कठपुतलियों को नियंत्रित नहीं कर सकते हैं।"
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दशकों तक आईएसआई के साथ काम करने वाले एक वरिष्ठ ब्रिटिश अधिकारी ने कहा, "जब विश्लेषण की बात आती है, तो आईएसआई का रिकॉर्ड खराब है।" वाल्श ने अपनी किताब में बताया कि उनके साथ काम करने वाले एक रिपोर्टर को मास्क पहनकर आए कुछ लोग उठा ले गए थे। उन्होंने उस रिपोर्टर से कड़ी पूछताछ की। पूछताछ के दौरान रिपोर्टर को मारा-पीटा भी गया। उन्होंने बताया कि रिपोर्टर को छोड़ने के बाद उसे धमकी दी गई कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म कर वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दी जाएगी। आज रिपोर्टर अपने परिवार के साथ स्विट्जरलैंड में रह रहा है।
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