ऑपरेशन सिंदूर का शिकार आतंकियों के आका मौलाना मसूद अजहर का परिवार भी हुआ है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर ने खुद माना है कि भारत के मिसाइल हमले में उसके परिवार के कई सदस्यों और दोस्तों की मौत हुई है। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने पीओके और पाकिस्तान के 9 इलाकों में मिसाइल से हमला बोला। इसमें से एक निशाना पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित सुभान अल्लाह मस्जिद परिसर भी रहा। यहां 4 मिसाइलें दागे जाने की खबर है। हमले में ये इमारत पूरी तरह तबाह हो गई। इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्यों और उसके गुट के चार आतंकियों सहित उसके 14 करीबी लोगों की मौत हुई है।
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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अजहर ने बुधवार सुबह एक बयान जारी कर अपने परिवार के सदस्यों के मारे जाने की जानकारी दी। मिसाइल हमले में मरने वालों में अजहर की बड़ी बहन और उसका पति, अजहर का भतीजा और उसकी पत्नी, एक भतीजी और उसके परिवार के पांच बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा जैश से जुड़े अजहर के चार करीबी आतंकियों की भी मौत हुई है। मसूद ने परिवार के लोगों की मौत पर रोते हुए कहा कि अगर वह भी मर जाता तो अच्छा रहता।
पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, बहावलपुर के मसूद अजहर के मदरसे मरकज सुभानअल्लाह पर चार मिसाइलें दागी गई हैं। इससे ये पूरा परिसर तबाह हो गया। यह परिसर जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल हेडवक्वार्टर के तौर के रूप में काम करता है। बहावलपुर स्थित इसी परिसर में जैश चीफ मौलाना मसूद अजहर और दूसरे कई आतंकियों का घर भी है। ऐसे में इस हमले में मसूद का परिवार भी खत्म हो गया है।
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इससे पहले ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारतीय सेना, वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्री, वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी शामिल हुईं।
प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया। पाकिस्तान में पिछले तीन दशकों से आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा था, जो पाकिस्तान और पीओके दोनों में फैला हुआ है।"
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कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "मैं आपको बताना चाहूंगी कि पीओजेके में पहला लक्ष्य मुजफ्फराबाद में सवाई नाला कैंप था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यह लश्कर-ए-तैयबा का प्रशिक्षण केंद्र था। 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों ने यहीं से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।"
वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया, "रात 1 बजकर पांच मिनट से 1 बजकर 30 मिनट के बीच हमला किया गया। पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान से बचाने के लिए स्थानों का चयन किया गया था।"
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इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त ब्रीफिंग में बताया, "22 अप्रैल 2025 को लश्कर और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी। आतंकियों ने पर्यटकों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोली मार दी। इस दौरान परिवार को धमकाया गया और उस बर्बरता का संदेश देने को कहा गया। चूंकि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर से बढ़ रहा था, इसलिए हमले का मुख्य उद्देश्य उसे नुकसान पहुंचाना और दंगा भड़काना था।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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