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जयपुर विकास प्राधिकरण ने 'शिव मंदिर' को अतिक्रमण का नोटिस भेजा, लोगों ने पूछा- जवाब कौन देगा

यह नोटिस मंदिर के किसी प्रबंधक या प्रबंधन संस्था के बजाय सीधे "शिव मंदिर" के नाम भेजा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर के नाम पर नोटिस जारी करना सही नहीं है। इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।

जयपुर विकास प्राधिकरण ने 'शिव मंदिर' को अतिक्रमण का नोटिस भेजा, लोगों ने पूछा- जवाब कौन देगा
जयपुर विकास प्राधिकरण ने 'शिव मंदिर' को अतिक्रमण का नोटिस भेजा, लोगों ने पूछा- जवाब कौन देगा फोटोः सोशल मीडिया

राजस्थान में जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने सड़क चौड़ी करने के अभियान के तहत एक 'शिव मंदिर' को अतिक्रमण का नोटिस जारी किया है, 21 नवंबर को जारी इस नोटिस में सात दिन में जवाब मांगा गया है। वहीं जेडीए के इस कदम से स्थानीय लोगों में गुस्सा है और वे पूछ रहे हैं कि मंदिर की ओर से कौन जवाब देगा और जरूरी दस्तावेज कौन जमा करवाएगा।

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यह नोटिस मंदिर के किसी प्रबंधक या प्रबंधन संस्था के बजाय सीधे "शिव मंदिर" के नाम भेजा गया है। यह मंदिर वैशाली नगर में है। स्थानीय नागरिक विजय सिंह ने कहा कि नोटिस मंदिर के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार किसी व्यक्ति, संगठन या ट्रस्ट को भेजा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, "मंदिर के नाम पर इसे जारी करना सही नहीं है। इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है।"

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वहीं जेडीए की प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई एक याचिका से जुड़े उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद की गई है। यहां गांधी पथ को चौड़ा करने के लिए जोन 7 के उपायुक्त द्वारा किए गए सर्वे में पाया गया कि मंदिर की चारदीवारी सड़क तक फैली हुई थी और इसे अतिक्रमण माना गया। उन्होंने कहा कि जेडीए ने कई घरों और दुकान मालिकों को भी नोटिस जारी किए हैं।

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स्थानीय लोगों ने कहा कि प्राधिकरण ने नोटिस चिपकाने से पहले मंदिर प्रबंधन, पुजारी या किसी कमेटी से संपर्क नहीं किया और आरोप लगाया कि मंदिर के नाम पर नोटिस जारी करना असंवेदनशीलता है। जेडीए की प्रक्रिया के अनुसार अगर सात दिन में कोई जवाब या दस्तावेज जमा नहीं किए जाते हैं, तो साइट को अतिक्रमण माना जा सकता है और कार्रवाई हो सकती है।नोटिस जारी करने वाले प्रवर्तन अधिकारी से इस बारे में बात नहीं हो सकी।

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