हालात

छात्राओं के निजी अंगों पर किए गए हमले, फाड़े कपड़े: जामिया छात्रों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सुनाई बर्बरता की कहानी

जामिया छात्रों ने 10 फरवरी को संसद तक मार्च निकालने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने बेहद बर्बरता से उन्हें रोका और इस दौरान छात्राओं के निजी अंगों पर हमले किए गए, महिला पुलिस कर्मियों ने छात्राओं के कपड़े फाड़ने की कोशिशें कीं। यह आरोप एक प्रेस कांफ्रेंस कर जामिया छात्रों ने लगाए हैं।

फोटो : @Jamia_JCC
फोटो : @Jamia_JCC 

“चलो, तुम्हें आजादी दे रहा हूं...यह कहते हुए पुलिस वाले ने मुझे खींचते हुए बस में ठूंस दिया। फिर हमें थाने ले जाया गया और पीने को पानी तक नहीं दिया गया।” यह कहना था जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र अबु दारडा का जिसे 10 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने इलाके से हिरासत में लिया था और बाद में छोड़ दिया गया। दारडा को गंभीर बंद चोटें आई हैं।

Published: undefined

“पुलिस उस दिन एक अलग रणनीति बनाकर आई थी, उन्होंने किसी भी ऐसे बल का प्रयोग नहीं किया जो आम लोगों और मीडिया को दिखता, लेकिन उन्होंने हमारे प्राइवेट अंगों पर लातें मारी, कपड़े फाड़े, निजी अंगों पर चिकोटियां काटीं..” यह कहते हुए जामिया की छात्रा चंदा यादव रो पड़ती हैं। अबु दारडा ने बताया कि, “पुलिस बैरिकेड से पहले ही आरएएप की कम से कम दस कतारें हमारा रास्ता रोके खड़ी थीं। उन्होंने चुन-चुनकर हमें निशाना बनाया। हमें हिरासत में लेने वाले ज्यादातर पुलिस वाले वर्दी में नहीं थे। उन्होंने थाने पहुंचे हमारे वकीलों को वहां से खदेड़ दिया था।”

Published: undefined

इस प्रेस कांफ्रेंस में छात्राओं ने आरोप लगाया लगाया कि उनके निजी अंगों पर हमले किए गए। छात्र-छात्राओं ने बताया कि कई छात्र-छात्राओं के हाथ-पैरों में फ्रेक्चर हुआ है। छात्रा चंदा यादव का कहना है कि इस दफा पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने के लिए नयाब तरीका तलाशा था। पुलिस वाले अत्याधुनिक ड्रेस व हथियारों से लैस थे। यह पुलिस वाले बैरिकेड के आगे खड़े हो गए, जैसे ही छात्र शांतिपूर्वक आगे बढ़ रहे थे तभी उनमें से कुछ पुलिस वालों ने कपड़ों में लैस हथियारों से हमला कर दिया। अपनी करतूत को छिपाने के लिए पुलिस ने महिला पुलिसवालों का एक घेरा बना रखा था।

Published: undefined

10 फरवरी की तस्वीर

छात्र-छात्राओं ने बताया कि पुलिस की इस बर्बरता की चपेट में आकर कई छात्र-छात्राएं गंभीर रूप से चोटिल हो गए, जिन्हें जामिया के अस्पताल ले जाया गया। यहां छात्रों की हालत देखकर उन्हें पास के अलशफा अस्पताल रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने भी छात्रों के गंभीर रूप से चोटिल होने की पुष्टि की है। प्रेस कांफ्रेंस में कई ऐसे छात्र-छात्राएं मौजूद थे जिन्हें गंभीर चोटें आई हैं।

Published: undefined

10 फरवरी की तस्वीर

छात्रों का कहना है कि मौजूदा सरकार का रवैया देखकर लगता है वह संविधान बदलने का प्रयास कर सकते हैं। सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भी पुलिस से अलग तरीके से हमला करवाती है। अगर पुलिस का ऐसा ही रवैया रहा तो छात्र बड़े आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे। छात्रों ने दिल्ली पुलिस से शांतिपूर्ण तरीके से पैदल मार्च निकालने की अनुमति मांगी है। छात्राओं ने मांग की है कि 10 फरवरी के प्रदर्शन में दोषी पुलिस वालों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाए।

Published: undefined

जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी का आरोप है कि जो छात्र सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे उनके परिवारवालों को पुलिस झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दे रही है। छात्रों का दावा है कि पुलिस उन पर गलत आरोप लगाकर प्रदर्शन खत्म करने की धमकी देती है। पुलिस दावा करती है कि जेसीसी की बैठक की हर जानकारी उनके पास है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined