दिल्ली के जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में रविवार शाम को हुई हिंसा, हंगामा और तोड़फोड़ को लेकर चारों ओर कड़ी निंदा हो रही है। वहीं इस घटना को लेकर देश भर के कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बवाल के बाद जेएनयू के कुलपति ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, “विश्वविद्यालय सभी छात्रों द्वारा अकादमिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की सुविधा प्रदान करने के लिए खड़ा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका शीतकालीन सत्र पंजीकरण बिना किसी बाधा के संपन्न होगा।”
Published: 06 Jan 2020, 11:27 AM IST
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा मामले में पहली एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।
Published: 06 Jan 2020, 11:27 AM IST
जेएनयू हिंसा पर चौतरफा निंदा हो रही है। कई पार्टी और उनके नेताओं ने इस घटना की निंदा की है। जेएनयू कैंपस में छात्रों पर किए गए हमले की कांग्रेस पार्टी ने कड़ी निंदा की है। दिल्ली के कांग्रेस मुख्यलय में पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला।
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रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “जेएनयू में जो कुछ भी हुआ वह कुलपति की सहमति से हुआ। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमति शाह के इसारे पर दिल्ली पुलिस जेएनयू कैंपस में छात्रों पर हमला होने दिया। उन्होंने कहा कि तीन घटे तक पुलिस कैंपस के बाहर खड़ी रही ताकि, गुंडे कैंपस में छात्रों और शिक्षकों को पीट सकें।” कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि देश भर के विश्वविद्यालयों में सरकार प्रायोजित हमले किए जा रहे हैं। यह सरकार छात्रों और युवाओं की आवाज को दबना चाहती है।
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वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विवादित बयान देते हुए इस हमले के लिए राजनेताओं पर आरोप लगा दिया। उन्होंने घटना की निंदा करने के बजाय उल्टे जेएनयू छात्रों पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि लेफ्ट छात्र जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को बदनाम कर रहे हैं, उन्होंने विश्वविद्यालय को गुंडागर्दी के केंद्र में बदल दिया है।
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जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, “नकाबपोश लोगों को कैंपस में कैसे घुसने दिया गया? कुलपति ने क्या किया? पुलिस बाहर क्यों खड़ी थी? गृह मंत्री क्या कर रहे थे? यह सभी प्रश्न ऐसे हैं जिनके जवाब नहीं मिले हैं। यह एक स्पष्ट साजिश है, जांच की जरूरत है।”
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केरल के मुख्यमंत्री विनराई विजयन ने जेएनयू में छात्रों पर हुए हमले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “जेएनयू में नाजी स्टाइल में छात्रों पर हमले हुए हैं। संघ परिवार को अब इस खूनी खेल से खुद को अलग कर लेने चाहिए। जो छात्रों की आवाज है वही इस देश की भी आवाज है।”
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बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस घटना की निंदा की और उन्होंने कहा कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “ जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय और शर्मनाक है। केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये। साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो जाये तो यह बेहतर होगा।”
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अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “बंद करो छात्रों पर यह अत्याचार, जेएनयू में हिंसा बंद करो मोदी सरकार।” उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, “ताकत का नशा अक्ल पे हावी है तुम्हारी, तुम देख न पाओगे जो हम देख रहे हैं।”
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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी जेएनयू हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कहा कि जेएनयू हिंसा चौंकाने वाला है और लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है।
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बता दें कि जेएनयू में फीस बढ़ोतरी को लेकर पिछले दो महीनों से प्रदर्शन चल रहा है। रविवार सुबह भी छात्र अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे थे। इस दौरान छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच नकाबपोश बदमाशों वहां पहुंचे और प्रदर्शनकारी छात्रों को डंडे और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। वे करीब 3 घंटे तक कैंपस में कोहराम मचाते रहे। हमले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई घायल हो गए। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की है।
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Published: 06 Jan 2020, 11:27 AM IST
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Published: 06 Jan 2020, 11:27 AM IST