
मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया कि वह राज्य में राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित रोड शो और रैलियों समेत सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) 10 दिनों के भीतर तैयार करे।
मुख्य न्यायाधीश एम. एम. श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति जी. अरुल मुरुगन की खंडपीठ ने यह आदेश उन कई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया, जिनमें 27 सितंबर को करूर में हुई भगदड़ की घटना के बाद विभिन्न राहत की मांग की गई थी। अभिनेता विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) द्वारा आयोजित रोड शो के दौरान मची भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गयी थी।
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मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) जे. रवींद्रन ने पीठ को बताया कि जब तक राज्य सरकार एसओपी तैयार नहीं करती तब तक किसी भी राजनीतिक दल को रोड शो या रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस दौरान राजनीतिक दलों को जन सभाएं करने से नहीं रोका जाएगा।
पीठ ने जब पूछा कि मसौदा एसओपी कब तक तैयार होगा, तो अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार को पुलिस, अग्निशमन विभाग, नगर निगम जैसी कई एजेंसियों से परामर्श लेना होगा इसलिए उसे थोड़ा और समय चाहिए।
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उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य सरकार 10 दिनों के भीतर एसओपी तैयार करे, अन्यथा अदालत आदेश पारित करेगी। अन्नाद्रमुक ने इस मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर करने की अनुमति मांगी। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर के लिए निर्धारित की है।
इससे पहले, अदालत ने टीवीके महासचिव एन. आनंद द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका वापस लिए जाने पर उसे खारिज कर दिया।
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