हालात

‘अनुच्छेद 370 के बाद और खतरनाक होंगे कश्मीर में हालात’, आतंकवाद के बाद भी नहीं छोड़ा घर पर अब खौफ में कश्मीरी पंडित! 

कश्मीरी पंडितों के नेता संजय टीकू ने अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ से कहा, ‘अनुच्छेद 370 हटाने का कदम संघर्ष को और 100 सालों के लिए लंबा करेगा। यह सांप्रदायिक विभाजन को तेज करेगा, लोगों की सहिष्णुता के स्तर को और नीचे लाएगा।’

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य क दर्जा हटाए जाने को लेकर कश्मीरी पंडितों ने भी अपनी राय दी है। कश्मीरी पंडितों के नेता संजय टीकू का कहना है कि अब कश्मीर में पंडितों का रहना और भी मुश्किल हो जाएगा। उनका कहना है कि राज्य का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद उन्हें डर है कि कश्मीर से जाना पड़ सकता है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं इससे भी बदतर हालात की भविष्यवाणी करता हूं जब उग्रवादियों के शुरुआती दौर में पंडितों ने पलायन किया था।’

Published: 17 Aug 2019, 1:15 PM IST

कश्मीरी पंडितों के नेता संजय टीकू ने अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ से कहा, ‘अनुच्छेद 370 हटाने का कदम संघर्ष को और 100 सालों के लिए लंबा करेगा। यह सांप्रदायिक विभाजन को तेज करेगा, लोगों की सहिष्णुता के स्तर को और नीचे लाएगा।’

Published: 17 Aug 2019, 1:15 PM IST

उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में रह रहे पंडित राजनीतिक लक्ष्य हो सकते हैं। वहां उसकी प्रतिक्रिया हो सकती है। अगले तीन या पांच सालों में आप शायद संजय टीकू को यहां खड़ा नहीं देख पाएंगे। इस वक्त हम मानसिक रूप से तैयार हैं।’ बता दें कि संजय टीकू श्रीनगर के पुराने हिस्सों में से एक बारबरशाह इलाके में रहते हैं। आतंकवाद से पहले यहां पंडित समुदाय के की परिवार रहते थे, लेकिन आज यहां केवल तीन पंडित परिवार ही बचे हैं। टीकू ने अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे कश्मीर की पहचान पर हमला बताया है।

Published: 17 Aug 2019, 1:15 PM IST

टीकू ने अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते हुए कहा, ‘यह कदम विस्थापित पंडितों की वापसी को संभावना को प्रभावित कर सकता है। क्योंकि जितने मुसलमानों ने उनका स्वागत किया होगा वो शायद अब ऐसा ना करें।’ बता दें कि टीकू जिस समिति के अध्यक्ष है वो उन पंडितों का नेतृत्व करती है जो घाटी में बिगड़े हालात के बाद भी कश्मीर छोड़कर नहीं गए।

Published: 17 Aug 2019, 1:15 PM IST

टीकू ने कहा कि यहां करीब 4,000 से 6,000 प्रवासी कश्मीरी पंडित रहते थे और उनमें से अधिकांश जा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास यह भी रिपोर्ट है कि अनंतनाग जिले के सोमरन के सात गैर-प्रवासी (पूरी तरह से बसे हुए) पंडित परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया है, जबकि पांच परिवारों को पुलिस ने 5 अगस्त की रात गांदरबल के लार, वुसान और मनिगम गांवों से बाहर भेज दिया था। सूचना नाकाबंदी के कारण हमें अन्य परिवारों के बारे में जानकारी नहीं है।’

Published: 17 Aug 2019, 1:15 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 17 Aug 2019, 1:15 PM IST

  • बड़ी खबर LIVE: कांग्रेस ने ओडिशा की 2 लोकसभा और विधानसभा की 8 सीट के लिए उम्मीदवार का ऐलान किया, देखें पूरी लिस्ट

  • ,
  • तारक मेहता... में सोढ़ी बन चुके गुरुचरण सिंह आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे, साथी कलाकारों ने ठीक होने की जताई उम्मीद

  • ,
  • BSP नेता आकाश आनंद ने आतंकवादियों से की BJP सरकार की तुलना, आचार संहिता समेत कई धाराओं में केस दर्ज

  • ,
  • बरनाला में किसानों और बेरोजगारों का जोरदार प्रदर्शन, वादे पूरे नहीं होने पर पूरे पंजाब में AAP के विरोध का ऐलान

  • ,
  • ओडिशा में BJP-BJD पर बरसे राहुल गांधी, बोले- मोदी-पटनायक में मिलीभगत, दोनों कुछ कॉर्पोरेट्स को पहुंचा रहे लाभ