बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी और उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव कथित ‘‘नौकरी के बदले जमीन‘‘ घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए जबकि लालू प्रसाद इस मामले में पूछताछ के लिए बुधवार को तलब किए गए हैं।
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राबड़ी देवी आज दोपहर को पटना के बैंक रोड स्थित ईडी के कार्यालय पहुंचीं। इस दौरान उनकी बड़ी बेटी और पाटलिपुत्र से सांसद मीसा भारती भी मौजूद थीं। मीसा भारती का नाम भी इस मामले में आरोपी के तौर पर दर्ज है। इस अवसर पर सैकड़ों आरजेडी कार्यकर्ता भी ईडी कार्यालय पहुंचे और मां-बेटी के समर्थन में नारे लगाए।
पूर्व मंत्री एवं मौजूदा विधायक तेज प्रताप यादव भी विधानसभा सत्र में शामिल होने के बाद ईडी कार्यालय पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि 76 वर्षीय लालू प्रसाद को बुधवार को पटना में ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। एजेंसी सूत्रों का कहना है कि इस मामले में कुछ ‘‘अतिरिक्त तथ्य’’ सामने आने के कारण फिर से पूछताछ किया जाना जरूरी हो गया था।
उन्होंने बताया कि तीनों के बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए जाने हैं।
अपनी मां के साथ ईडी कार्यालय पहुंची मीसा भारती ने कहा, ‘‘ईडी ने मेरे परिवार के सदस्यों को बुलाया था। इसलिए, हमने जांच में सहयोग करके अपना कर्तव्य निभाया।
मीसा भारती ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए आरोप लगाया, ‘‘ईडी के सक्रिय होने के पीछे राजनीतिक मकसद हो सकता है। आखिरकार यह (नौकरी के बदले जमीन घोटाला) इतना पुराना मामला है।’’ आरजेडी नेता ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि जब भी कहीं चुनाव होने होते हैं, एजेंसियां इसी तरह काम करती हैं।’’ ईडी दफ्तर के अंदर और बाहर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
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आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘यह अब स्पष्ट हो गया है कि जब भी बीजेपी को किसी राज्य में चुनाव का सामना करना पड़ता है तो वह अपने विरोधियों पर केंद्रीय एजेंसियों को तैनात कर देती है। हमने झारखंड और दिल्ली में ऐसा ही देखा। अब यह बिहार में देखा जा रहा है।’’ इस मामले में प्रसाद, देवी और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है।
पिछले वर्ष ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में प्रसाद के परिवार के सदस्यों के खिलाफ इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती तथा हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया था। यह मामला 2004 से 2009 के दौरान रेलवे में समूह ‘डी’ नियुक्तियों से संबंधित है। उस समय लालू यादव सरकार में रेल मंत्री थे।
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