हिमाचल प्रदेश में कई दिन से जारी बारिश के बाद भारी हिमपात के कारण शुक्रवार को कुछ जगहों पर भूस्खलन हुआ और प्रमुख सड़कें और राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गए जिससे कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में लगातार तीसरे दिन रुक-रुक कर हो रहे हिमपात और बारिश से राजमार्ग बाधित हो गए हैं। राज्य भर में करीब 200 सड़कें बंद हो गई हैं जिससे कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा और शिमला जिलों के कई इलाके शेष राज्य से कट गए हैं।
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अधिकारियों ने बताया कि चंबा और मनाली में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया है। हालांकि, सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित समय के अनुसार ही होंगी। उन्होंने बताया कि 2,300 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले जनजातीय क्षेत्रों और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन का खतरा है। लोगों को घर के बाहर जाने से बचने और आवश्यक ऐहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पांच (हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग) पर शिमला के नरकंडा में हिमपात के कारण बाधित हो गया था, उसे खोल दिया गया है। देहा-चौपाल और दोदरा-क्वार क्षेत्र से जुड़ने वाली सड़कें भी अवरुद्ध हो गई हैं। थेओग-हाटकोटी राजमार्ग खड़ापत्थर गांव (8,770 फुट की ऊंचाई पर) पर बंद हो गया है।
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इस बीच, कुल्लू में भारी बारिश के कारण अखाड़ा बाजार और गांधी नगर में पानी भर गया है। बहते पानी से सड़कों के किनारे खड़े कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने नेहरू कुंड से आगे वाहनों का आवागमन रोक दिया है क्योंकि सोलंग नाला, गुलाबा, अटल टनल और रोहतांग में बर्फबारी हुई है। भूस्खलन के कारण बनाला में मनाली-कीरतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया है।
पुलिस ने बताया कि पहाड़ियों से लगातार गिर रहे पत्थरों के कारण यातायात बहाली का काम शुरू नहीं हो सका है। जनजातीय घाटियों में कई सड़कें बर्फबारी और बारिश के कारण बंद हो गई हैं। कुल्लू की जिलाधिकारी तोरुल रवीश ने कहा, लोगों को नदी तटों और नालों से दूर रहने और बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है। पुलिस के अनुसार, शास्त्री नगर और गांधी नगर नाले उफान पर हैं और भुंतर की सब्जी मंडी में पानी भर गया है। हालांकि कुछ वाहन मौके पर फंसे हुए थे, अन्यथा स्थिति सामान्य थी।
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राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि साल के इस समय में हिमपात और बारिश स्वागत योग्य है, लेकिन इससे हिमस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को बाहरी गतिविधियों को प्रतिबंधित करना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए और उन्होंने पर्यटकों से स्थिति सामान्य होने तक सुरक्षित स्थान पर रहने का आग्रह किया। नेगी ने कहा कि वर्तमान में 218 सड़कें और तीन राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हैं। मंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रशासन को संस्थानों को बंद करने का आदेश देने और स्थिति के अनुसार अन्य कदम उठाने की छूट दी गई है।
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मौसम विभाग के अनुसार, सुबह साढ़े आठ बजे तक कोठी में सबसे अधिक 120 सेमी हिमपात हुआ। इसके बाद खदराला में 115 सेमी, केलांग में 75 सेमी, काल्पा में 46 सेमी, कुकुमसेरी में 38.8 सेमी, सांगला में 23.5 सेमी और निचार व मूरंग में 15 सेमी बर्फबारी हुई। निचले और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में भी भारी बारिश हुई है। सियोबाग में सबसे अधिक 113.2 मिमी बारिश हुई। भुंटर में 113.2 मिमी, बंजार में 112.4 मिमी, जोगिंदरनगर में 112 मिमी, सलूणी में 109.3 मिमी, पालमपुर में 99 मिमी, चंबा में 97 मिमी, बैजनाथ में 75 मिमी, कांगड़ा में 74 मिमी, रोहड़ू में 70 मिमी, कुफरी में 59 मिमी और शिमला में 54.5 मिमी बारिश हुई।
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हिमाचल प्रदेश में आसमान घने बादलों से ढका रहा और मौसम विज्ञान केंद्र ने लाहौल-स्पीति व किन्नौर जिलों और चंबा, कुल्लू, शिमला, मंडी, सिरमौर व कांगड़ा जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने चंबा, कुल्लू, शिमला, मंडी, सिरमौर और कांगड़ा जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
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