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जासूसी कांड में भीमा-कोरेगांव के आरोपियों के वकील भी हुए शिकार, कांग्रेस ने कोर्ट से की संज्ञान लेने की अपील

लोकसभा चुनाव के दौरान एक इजरायली स्पायवेअर के जरिये भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी के सनसनीखेज खुलासे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में संज्ञान लेने की अपील की है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

भारत के कई पत्रकारों, वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की वॉट्सऐप के जरिये जासूसी के खुलासे से देश की राजनीति में हलचल आ गई है। कांग्रेस ने इसे लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। साथ ही कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर संज्ञान लेने और सरकार की जवाबदेही तय करने का आग्रह किया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले को गंभीर करार देते हुए कहा, “अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।”

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बता दें कि मंगलवार को वॉट्सऐप ने खुलासा किया था कि भारत के लोकसभा चुनाव के दौरान इजरायली समूह एनएसओ द्वारा विकसित एक स्पायवेअर का इस्तेमाल कर कई भारतीय पत्रकारों, वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर वॉट्सऐप के जरिये नजर रखी गई थी। इस खुलासे के बाद भारत में हलचल तेज हो गई और भारत सरकार के आईटी मंत्रालय ने मामले पर व्हाट्सएप से विस्तृत जानकारी की मांग की है। सरकार ने वॉट्सऐप से 4 नवंबर तक अपना जवाब देने को कहा है। लेकिन इस मामले में सबसे खास ये है कि इजरायल के एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित जिस स्पायवेअर पेगासस का इस जासूसी में इस्तेमाल किया गया, वह केवल सरकार या सरकारी एजेंसियों को ही बेचा जाता है।

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इस बीच भारत में इस जासूसी का शिकार होने वाला जो पहला शख्स सामने आया है, वह कोई और नहीं महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मुकदमा लड़ रहे वकील हैं। मामले में गिरफ्तार मानवाधिकार वकील सुरेंद्र गाडलिंग का केस लड़ रहे वकील निहालसिंह राठौड़ ने अपने फोन पर पेगासस के हमले की पुष्टि की है। उन्होंने दावा किया कि पेगासस हैक का खुलासा साबित करता है कि के आरोपियों के खिलाफ पुणे पुलिस ने जो पत्राचार के रिकॉर्ड कोर्ट में पेश किए हैं, वे उनके कंप्यूटर हैक कर उसमें सेव किये गए थे। बता दें कि पुणे पुलिस ने सुरेंद्र गाडलिंग के खिलाफ जो कागजात कोर्ट मे पेश किए थे, वे उनके ही कंप्यूटर से बरामद दिखाए गए हैं।

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ऐसे में वॉट्सऐप के ताजा खुलासों के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ताओ के वकील का दावा मामले को और अधिक गहरा बनाता है। जो कहां न कहीं एक बड़ी और गहरी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर मामले को चिंताजनक बताते आरोप लगाया, “मोदी सरकार जासूसी करते हुए पकड़ी गई है। ये चिंताजनक जरूर है, लेकिन हैरान करने वाला नहीं। क्योंकि बीजेपी सरकार ने हमारे निजता के अधिकार के खिलाफ लड़कर करोड़ों रुपए का निगरानी ढांचा खड़ा कर लिया है।” उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को तत्काल संज्ञान लेकर बीजेपी सरकार को नोटिस जारी करना चाहिए।

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इस बीच मामले का खुलासा करने के बाद फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने एक बयान में कहा है कि वह स्पायवेअर पेगासस को विकसित करने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ समूह के खिलाफ केस करने जा रही है। बताया जा रहा है कि एनएसओ समूह इजरायल की निगरानी करने वाली कंपनी है। खबरों के मुताबिक ताजा जासूसी कांड में चार उपमहाद्वीपों के वॉट्सऐप और फोन यूजर्स शिकार हुए हैं। इनमें राजनयिक से लकेर राजनेता, पत्रकारों से लेकर और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, वकील और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हैं। हालांकि, वॉट्सऐप ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पीड़ितों की जासूसी की गई।

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