कोविड के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने सोमवार रात से एक सप्ताह का लंबा लॉकडाउन लगा दिया है, जिसके बाद से ही पिछले साल की तरह प्रवासियों का दिल्ली से पलायन शुरु हो गया है। मंगलवार को अपने शहर लौटने के लिए भारी मात्रा में लोगों का बस अड्डों पर जमावड़ा लगना चालू है। यातायात साधन बंद होने के कारण प्रवासी पैदल ही अपने शहर लौटने के लिए सौ किलोमीटर की दूरी तय करने को मजबूर हैं। पिछले साल सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक परिवहन बंद होने के कारण पैदल ही पलायन शुरु कर दिया गया था।
Published: 20 Apr 2021, 3:18 PM IST
राजीव चौक, सेक्टर -12, सेक्टर -34, खंडसा और सेक्टर -37 बस स्टेशनों पर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित सैकड़ों लोग मंगलवार को अपने सामानों के साथ घर और रोजगार छोड़कर अपने शहर वापस जाने के लिए कतारों में लग रहे हैं।
बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहे एक प्रवासी मजदूर राम लाल ने आईएएनएस को बताया, "मैं लॉकडाउन के कारण बिहार के गांव जा रहा हूं। गरीब आदमी बिना कमाई के कैसे किराया दे सकता है। दिल्ली में लॉकडाउन के कारण हमारी कंपनी के कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं लेकिन हम सहायक हैं। हमारे पास ऐसी कोई सुविधा नहीं है। हमारी कंपनी बंद हो गई है। मुझे अपने परिवार का ख्याल रखना है। मैं अब यहां वापस नहीं आऊंगा।"
Published: 20 Apr 2021, 3:18 PM IST
एक अन्य प्रवासी मजदूर तुलसी कुमार ने आईएएनएस को बताया, "मैं उत्तर प्रदेश में अपने गांव जा रहा हूं। लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया है, फिर मैं अपना और अपने परिवार का ख्याल कैसे रखूंगा। मैं स्थिति सामान्य होने के बाद वापस आऊंगा।"
मजदूरों को शहर भर में कई बस स्टॉप पर देखा जा सकता था। सेक्टर -12 बस स्टैड पर दिल्ली में लॉकडाउन से पहले मध्य प्रदेश के लिए केवल एक बस जाती थी, लेकिन अब लॉकडाउन के बाद चार बसें मध्य प्रदेश के लिए जा रही हैं।
Published: 20 Apr 2021, 3:18 PM IST
रावल सिंह ने आईएएनएस को बताया, "हम अपनी मंजिल के लिए 3,000 रुपये से लेकर 4,000 रुपये तक का भुगतान कर रहे हैं, जो एक बड़ी रकम है, लेकिन हमारे पास इस राशि का भुगतान करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि मैं बिना किसी काम के यहां रहने के बजाय किसी भी कीमत पर अपने मूल स्थान तक पहुंचना चाहता हूं"
उनकी तरह ही शहर के विभिन्न हिस्सों से कई अन्य लोग बस स्टैंड की ओर जा रहे हैं, जहां से वे अपने गांवों के लिए बस पकड़ेंगे।
हालांकि, उनमें से अधिकांश ने कहा, इस बार कोरोना का डर उनके दिमाग में नहीं है, बस वह बिना पैदल चलकर घर कैसे पहुंचगे इस बारे में सोच रहे हैें।ऐसा अनुमान है कि गुरुग्राम के लगभग 20 फीसदी मजदूर जिला छोड़ चुके हैं।
Published: 20 Apr 2021, 3:18 PM IST
रावल सिंह ने आईएएनएस को बताया, "कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी हमारे लिए चिंता का विषय है लेकिन दिल्ली में लॉकडाउन ने श्रमिकों को डरा दिया है कि हमारे अनुरोध के बावजूद वे यहां रहने के लिए तैयार नहीं हैं। इससे उद्योगों पर बहुत असर पड़ेगा। सैकड़ों श्रमिक पहले ही शहर छोड़ कर जा चुके हैं, बाकी भी पलायन कर रहे हैं। अब उद्योग में मजदूरों की कमी के कारण उत्पादन में देरी होगी।"
Published: 20 Apr 2021, 3:18 PM IST
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Published: 20 Apr 2021, 3:18 PM IST