
कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम सबके हैं और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, वह उन पर या धर्म पर एकाधिकार नहीं रख सकती।
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) लोकसभा चुनाव भावनात्मक मुद्दों पर नहीं, बल्कि जनता के मुद्दों के आधार पर लड़ेगा तथा वह बहुमत हासिल करके अगली सरकार बनाएगा।
पायलट ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के ‘400 पार’ नारे में ‘‘अहंकार की बू आती है’’ और सत्ता में वापसी के पहले 100 दिनों की रूपरेखा के बारे में बात करने के बजाय बीजेपी को अपने बीते 10 वर्षों का तथ्यात्मक ‘‘रिपोर्ट कार्ड’’ प्रस्तुत करना चाहिए।
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उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग को इस चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बैंक खातों पर रोक लगाना अप्रत्याशित घटना है तथा यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि बीजेपी "बैकफुट" पर है और राजस्थान में इस बार कांग्रेस ‘बहुत अच्छा’ करेगी।
पायलट ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह चुनाव उन मुद्दों पर लड़ा जाएगा जो हमारे वर्तमान और हमारे भविष्य के लिए बहुत प्रासंगिक हैं। संवैधानिक संस्थाओं को सुनियोजित ढंग से कमजोर करना इनमें से ही एक मुद्दा होगा। हम युवाओं, महिलाओं, किसानों की समस्याओं को सामने लाना चाहते हैं, हम एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के लिए कानूनी गारंटी देना चाहते हैं, ये वो चीजें हैं जो आम मतदाता के लिए मायने रखती हैं।’’
पायलट के अनुसार, उन्हें नहीं लगता कि भारतीय मतदाता धर्म, हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद के मुद्दों पर आधारित चुनावी एजेंडे को सराहते हैं।
उनका कहना था कि चुनाव आर्थिक नीति, रोजगार सृजन, महंगाई को कम करने और हमारे किसानों के लिए बेहतर भविष्य सुरक्षित करने जैसे मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए।
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कांग्रेस नेता ने कहा, ‘बीजेपी चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, धर्म या भगवान राम पर उसका एकाधिकार नहीं हो सकता। राम सबके हैं, वह सर्वव्यापी हैं और उन्हें किसी पार्टी या सरकार तक सीमित करने की कोशिश भी अपने आप में व्यर्थ का काम है।’’
पायलट ने आगे कहा, ‘‘राम मंदिर का निर्माण उच्चतम न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद किया गया। यह फैसला सभी पक्षों को स्वीकार्य था... सभी की तरह कांग्रेस ने भी इसका स्वागत किया, जिससे सभी विवादों पर विराम लग गया।’’
उनके मुताबिक, मंदिर का निर्माण किसी पार्टी या सरकार के कारण नहीं हुआ, बल्कि अदालत के फैसले के कारण हुआ।
पायलट से पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों की रूपरेखा और सत्ता पक्ष और विपक्ष के विश्वास के स्तर में अंतर के बारे में बात कर रहे हैं। इस पर पायलट ने कहा कि जनता जो जनादेश देगी, उसका पहले से अनुमान लगाना गलत है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हमें निष्पक्ष खेल के लिए अपनी सोच को खोलना होगा, आम नागरिकों के मुद्दों और चिंताओं पर चुनाव लड़ना होगा जो हमारे देश के मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं और लोगों को यह तय करने देना होगा कि कौन उनकी सबसे अच्छी सेवा करेगा।’’
पायलट ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल द्वारा लगाए जा रहे ‘300 पार’ और ‘400 पार’ के नारे में अहंकार की बू आती है।
उन्होंने कहा कि सरकार को रिकॉर्ड स्तर की बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, कृषि संकट, अमीर और गरीब के बीच खाई पैदा करने पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये मुद्दे बीजेपी के एजेंडे से गायब हैं।
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पायलट ने कहा, ‘‘मैं (इंडिया गठबंधन के बहुमत हासिल करने को लेकर) आश्वस्त हूं। यदि आप 2019 में हमारे घटक दलों के वोट शेयर को देखें, तो यह कुल मिलाकर 65 प्रतिशत था, जबकि एनडीए को 35 प्रतिशत वोट मिले। यही कारण है कि बीजेपी में अब वे विपक्ष से नेताओं को लाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने सवाल किया कि अगर उन्हें 400 सीट का इतना भरोसा है तो वे हमारे और अन्य विपक्षी दलों के लोगों को अपने साथ क्यों लेना चाहते हैं?
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