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मध्य प्रदेश: कोरोना के बीच उत्सव में रौनक बनाए रखने के लिए लोग खोज रहे तरकीब

कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आहट ने उत्सव की रौनक पर भी असर पड़ने के आसार बनने लगे है, क्योंकि मध्य प्रदेश में विवाह समारोहों में अधिकतम ढाई सौ लोग ही हिस्सा ले सकेंगे।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आहट ने उत्सव की रौनक पर भी असर पड़ने के आसार बनने लगे है, क्योंकि मध्य प्रदेश में विवाह समारोहों में अधिकतम ढाई सौ लोग ही हिस्सा ले सकेंगे। इन स्थितियों के बीच उत्सव की रौनक बनी रहे, परिवार में उत्साह रहे, साथ ही मेहमानों में नाराजगी न पनपे, इसके लिए तरह-तरह की तरकीबें खोजी जा रही हैं। वर्तमान में शादी-विवाह का मौसम है, आने वाली कई ऐसी तारीखें हैं, जब सबसे ज्यादा विवाह समारोह है। हर नवयुगल और उसका परिवार इस दिन को यादगार बनाने के लिए आतुर है, यही कारण है कि बीते कई माह से कई परिवार तैयारियों में जुटे हैं। इस बीच, कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंकाओं के चलते पाबंदियों का दौर चल पड़ा है। इन आयोजनों में ज्यादा भीड़ न हो, इसके लिए राज्य सरकार की ओर से दिशा- निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

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राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी के बीच एक तरफ जहां रात का कर्फ्यू लागू है, वहीं दूसरी ओर विवाह समारोहों में अधिकतम ढाई सौ लोगों के शामिल होने की शर्त तय की गई है। इससे वे परिवार सबसे ज्यादा उलझन में हैं, जो ढाई सौ से ज्यादा लोगों केा बुलाने के आमंत्रण बांट चुके है। बारातघर से लेकर हलवाई, बैंडबाजा तक बुक करा चुके हैं।

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पाबंदियों की वजह से उज्जैन में एक बेटी के पिता केा आमंत्रित किए गए मेहमानों के लिए एक नहीं चार बार रिसेप्शन देना पड़ेगा। यहां के लाल सिंह राठौर की बेटी की 21 जनवरी को शादी है। उन्होंने एक हजार से ज्यादा लोगों को विवाह के लिए आमंत्रित किया है, सरकार ने अधिकतम सीमा ढाई सौ कर दी है, इसलिए अब उन्हें चार बार रिसेप्शन देना पड़ेगा, इसके लिए अब उन्हें आयोजन स्थल केा चार दिन के लिए बुक कराना पड़ा है।

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जबलपुर में तो एक मामा ने अपने भांजे की शादी के कार्ड ही न बांटने का फैसला लिया है, अब वे फोन के जरिए ही लोगों केा आमंत्रित करेंगे। मनीष पटेल के भांजे की 22 जनवरी केा शादी है, उन्हें सात सौ कार्ड छपवाकर बांटने थे, मगर कोरोना की गाइड लाइन के चलते अब वे कार्ड बांटेंगे ही नही, बल्कि बहुत करीबियों को फोन से सूचना देंगे। शादी में होने वाले खर्च में जो बचत होगी, उसे लड़के और लड़की के नाम पर फिक्स डिपॉजिट कर देंगे।

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इसी तरह का मामला दतिया जिले में सामने आया है। जहां 22 जनवरी को शादी है, परिवार के लोग पसोपेश में है कि किसी बुलाएं और किसका नाम आमंत्रण सूची से काटें। वे विवाह के लिए होटल बुक करा चुके है, बैंड पार्टी और खाने का एडवांस में भुगतान कर चुके है। यह रकम लौटने से रही। अब उनके सामने चुनौती है कि माहौल कैसे उत्सवी रहे और कोई नाराज भी न हो। इसके लिए फोन के जरिए संपर्क कर रहे हैं। उनकी केाशिश है कि कम लोग आएं, ताकि आयोजन भी उत्सवी रहे और कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन भी न हो।

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