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मध्य प्रदेशः बीजेपी सरकार में पौधारोपण के वर्ल्ड रिकॉर्ड की खुली पोल, अब अधिकरियों पर गिरी गाज

मध्य प्रदेश में बीजेपी की शिवराज सरकार ने 2017 में पौधारोपण में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए सात करोड़ पौधे लगाने का दावा किया था। इन दावों को फर्जी करार दे रही कांग्रेस ने सरकार में आते ही जांच कराकर बीजेपी सरकार के पौधरोपण की पोल खोल दी है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

मध्य प्रदेश में सरकार से हटने के बाद शिवराज सरकार के दौरान हुए कारनामे एक-एक कर सामने आ रहे हैं। अब ताजा मामला शिवराज सरकार द्वारा करोड़ों पौधे लगाने का दावा कर पौधारोपण में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने का है। शिवराज सरकार में हुए इस कारनामे की पोल मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने खोल दी है। इस मामले में वन विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी जद में आ गए हैं, जिनपर कार्रवाई हुई है।

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बता दें कि शिवराज सरकार ने जुलाई 2017 में मध्य प्रदेश स्थित बैतूल वन क्षेत्र के शाहपुर रेंज की पाठई बीट में कक्ष संख्या 227 में रिकॉर्ड पौधरोपण का दावा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराकर खूब वाहवाही लूटी थी। कांग्रेस द्वारा इतने बड़े पैमाने पर पौधरोपण के दावे को शुरुआत से ही फर्जी करार दिया जा रहा था। पिछले साल जब राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ तो कांग्रेस सरकार के वन मंत्री उमंग सिंघार ने इसकी जांच-पड़ताल शुरू करते हुए अधिकारियों से रिपोर्ट तलब कर दी।

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अधिकारियों ने रिपोर्ट में कई पेड़ों के गिरने का दावा किया। जिसके बाद वन मंत्री सिंघार अचानक 26 जून को बैतूल पहुंच गए। अधिकारियों के साथ यहां उन्होंने भौतिक सत्यापन किया, जिसमें अधिकारियों और शिवराज सरकार की पोल खुल गई। इसके बाद दो डीएफओ समेत आठ वनकर्मियों पर गाज गिर गई है।

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उमंग सिंघार ने बताया कि यह शिवराज सरकार का एक बड़ा घोटाला है। जो रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई थी उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता था। यहां आकर भौतिक सत्यापन में पांच टीमों का गठन कर पौधों के गणना कक्ष में पौधों की गणना की गई। रिपोर्ट में पाया गया कि पूर्व सरकार की रिपोर्ट में 15,625 पौधे लगाने की बात है, लेकिन गढ्ढे केवल 9,375 ही खोदे गए। और उसमे से भी गणना में मात्र 2343 यानी 15 फीसदी पौधे ही जीवित मिले।

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वन मंत्री ने बताया कि पूरे मामले में जिन अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। वन मंत्री ने भौतिक सत्यापन और शुरुआती जांच के बाद उत्तर वन मंडल के तत्कालीन डीएफओ संजीव झा, वर्तमान डीएफओ राखी नंदा, एसडीओ बीपी बथमा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें वन मुख्यालय भेज दिया है। इसके अलावा शाहपुर रेंज के तात्कालीन रेंजर गुलाब सिंह बर्डे, वर्तमान रेंजर जीएस जाटव, वनपाल मूलचंद परते, फिरोज खान और सतीश कवड़े को तत्काल निलंबित कर दिया है।

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