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महाराष्ट्र: अब कोलेवाड़ी ग्राम सभा ने चुनावों में मतपत्रों के प्रयोग का प्रस्ताव पारित किया, EVM पर नहीं है भरोसा?

इससे कुछ दिन पहले सोलापुर के मालशिरस निर्वाचन क्षेत्र के मरकडवाड़ी गांव के लोगों के एक वर्ग द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त करते हुए मतपत्रों का उपयोग करके 'मॉक' पुनर्मतदान की कोशिश की थी।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर  फोटो: सोशल मीडिया

 महाराष्ट्र के सतारा जिले में कोलेवाड़ी ग्राम सभा ने भविष्य में होने वाले सभी चुनाव मतपत्रों के जरिए कराने को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है। इसी के साथ महाराष्ट्र में कोलेवाड़ी ईवीएम के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला दूसरा गांव बन गया है।

कोलेवाड़ी गांव कराड (दक्षिण) विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस विधानसभा का पूर्व में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण प्रतिनिधित्व करते थे। पृथ्वीराज चव्हाण को पिछले माह हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार अतुल भोसले से 39,355 मतों से हार का सामना करना पड़ा था।

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कोलेवाड़ी के लोगों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से किए गए मतदान पर संदेह व्यक्त करने के बाद यह प्रस्ताव पारित किया गया है।

इससे कुछ दिन पहले सोलापुर के मालशिरस निर्वाचन क्षेत्र के मरकडवाड़ी गांव के लोगों के एक वर्ग द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त करते हुए मतपत्रों का उपयोग करके 'मॉक' पुनर्मतदान की कोशिश की थी।

प्रशासन और पुलिस ने उनके प्रयास को विफल कर दिया था और इसे लेकर उनके खिलाफ मामले दर्ज किये गये।

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कोलेवाड़ी ग्राम प्रधान रत्नमाला पाटिल के पति शंकरराव पाटिल ने मंगलवार को कहा, '' ग्राम सभा की बैठक में ग्रामीणों की इस भावना कि आगामी चुनाव मतपत्र से कराये जाएं न कि ईवीएम से, का सम्मान करते हुए दो दिसंबर को प्रस्ताव पारित किया। ''

पाटिल ने कहा कि ग्रामीण इस बात को लेकर अचंभित थे कि विधानसभा चुनाव में चव्हाण कोलेवाड़ी में अपेक्षित वोट हासिल करने में असफल रहे। एक ग्राम सेवक ने भी प्रस्ताव पारित किए जाने की पुष्टि की।

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ग्रामीण ने कहा, ‘‘कोलेवाड़ी ग्राम सभा ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा है कि भविष्य में चुनाव ईवीएम के बजाय मतपत्रों के माध्यम से कराए जाने चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को लोगों की इस 'सामूहिक मांग' को देखते हुए मतपत्र प्रणाली पर वापस लौटना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन मतपत्र के जरिये मतदान की अनुमति नहीं देता है तो हम मतदान का बहिष्कार करेंगे।

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सतारा के जिला कलेक्टर जितेंद्र दूदी ने कहा कि उनके कार्यालय को ग्राम पंचायत से कथित प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।

दूदी ने कहा, '' चूंकि, हमे प्रस्ताव नहीं मिला है इसलिए इस पर टिप्पणी करना सही नहीं होगा। जैसे ही हमे प्रस्ताव मिलेगा हम इसे लेकर आवश्यक कदम उठाएंगे। ''

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