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महाराष्ट्र: रोहित पवार का आरोप- डाभोलकर, पंसारे और गौरी लंकेश की तरह प्रवीण गायकवाड़ को हुई मारने की कोशिश

रोहित पवार ने कहा, "प्रदेश में कानून व्यवस्था बहुत खराब है। महाराष्ट्र में जो भी हो रहा है, क्या हमला करने वालों को भी सरकार के माध्यम से सपोर्ट किया जा रहा है? ऐसा डर हमें लगता है।"

एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार
एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार फोटो: IANS

संभाजी ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण गायकवाड़ पर हुए हमले को लेकर महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने इस घटना को लेकर फडणवीस सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था बहुत खराब है।

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एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने सोमवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "डाभोलकर, पंसारे और गौरी लंकेश जैसे विचारशील लोगों की हत्या सिर्फ इसलिए की गई क्योंकि वे एक विचार के खिलाफ लड़ाई कर रहे थे। महाराष्ट्र में जो सरकार है, वह उन्हीं प्रतिगामी विचारों को समर्थन दे रही है। प्रवीण गायकवाड़ के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, पहले उन पर हमला किया गया और बाद में उन्हें मारने की कोशिश की गई।"

उन्होंने आगे कहा, "प्रदेश में कानून व्यवस्था बहुत खराब है। महाराष्ट्र में जो भी हो रहा है, क्या हमला करने वालों को भी सरकार के माध्यम से सपोर्ट किया जा रहा है? ऐसा डर हमें लगता है।"

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रोहित पवार ने महाराष्ट्र सरकार की ‘लाडकी बहना योजना’ को लोकल बॉडी चुनाव तक सीमित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "3-4 महीनों में लोकल बॉडी चुनाव होंगे। वे तब तक इस योजना को चालू रख सकते हैं। उसके बाद इसे सीधे बंद कर दिया जाएगा या जैसे ओबीसी आरक्षण के खिलाफ बीजेपी का एक कार्यकर्ता कोर्ट गया था, वैसे ही उनका कोई कार्यकर्ता इस योजना के खिलाफ कोर्ट में जाकर इसे बंद करवा सकता है। ये लोग बहुत अलग विचारधारा के हैं। ये हर हद तक जा सकते हैं। इन्हें न बहनों की चिंता है, न किसानों की, न युवाओं की, न मध्यम वर्ग की। ये सिर्फ यह जानते हैं कि सत्ता कैसे हासिल की जाए। इसके लिए ये कुछ भी कर सकते हैं, इसलिए शायद ये योजना आगे जारी नहीं रखेंगे।"

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विधायक रोहित पवार ने मंत्री संजय शिरसाट के वायरल वीडियो पर कहा, "वे सामाजिक कल्याण के मंत्री हैं और वे कहते हैं कि उनके विभाग को पैसा नहीं मिलता, लेकिन उनके पास बैग में बहुत सारा पैसा है। अगर बैग का आकार देखें, तो ऐसा लगता है कि उसमें 10-12 करोड़ रुपए हो सकते हैं। साथ ही, उनकी बाद की टिप्पणी देखें, जिसमें उन्होंने कहा कि जिसे बैग चाहिए, उसे बैग भिजवा देंगे। यह अहंकार है। अब सरकार इस मामले में क्या करती है, यह देखने की जरूरत है।"

 उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समिति अध्यक्ष के एक दौरे से पहले ही 5 करोड़ रुपए पहुंचा दिए गए थे। चाहे समृद्धि मार्ग हो या शक्ति मार्ग हो, हर परियोजना में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसकी जांच होना जरूरी है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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