शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधान भवन में हुई हाथापाई के मामले में भारतीय जनता पार्टी की कड़ी आलोचना की और आरोप लगाया कि गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को पार्टी (बीजेपी में) में शामिल किया जा रहा है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपनी सरकार को भंग कर देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए।
बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में हाथापाई हो गई थी। दोनों समूहों के एक-दूसरे पर हमला करने और सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें पीछे खींचने के वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं।
राउत ने कहा, "यह विधान भवन में एक 'गैंगवार' था। हत्या, डकैती जैसे गंभीर अपराधों में शामिल या महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत आरोपों का सामना कर रहे लोग वहां मौजूद थे।"
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उन्होंने आगे आरोप लगाया कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को रोजाना बीजेपी में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने पूछा, "क्या यही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बीजेपी की संस्कृति है? क्या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों को पार्टी में शामिल करना पार्टी की संस्कृति के अनुकूल है?"
उन्होंने कहा, "शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) का मानना है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए। यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण, दुखद या चौंकाने वाला है, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीतिक संस्कृति के लिए शर्मनाक भी है।"
राज्यसभा सांसद ने फडणवीस की आलोचना की और उन्हें राज्य की राजनीतिक संस्कृति की गरिमा बनाए रखने के उनके वादे की याद दिलाई। उन्होंने कहा, "हर दिन महाराष्ट्र की छवि पर एक नया धब्बा लग रहा है। चाहे वह भ्रष्टाचार हो, अनैतिक व्यवहार हो या मोहपाश (हनीट्रैप) हो, विधायक द्वारा हमला हो या मंत्रियों के वीडियो हों।"
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उन्होंने दावा किया, "अगर महाराष्ट्र में कोई अन्य पार्टी सत्ता में होती, तो फडणवीस राज्य सरकार को भंग करने की मांग करते। अगर वह आत्ममंथन करें, तो उन्हें एहसास होगा कि उनकी सरकार को भंग करने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा, "मैं मांग करता हूं कि राज्यपाल, यदि वह वास्तव में कानून के संरक्षक हैं, तो गृह विभाग से रिपोर्ट मांगें और राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करें।"
राउत ने यह भी कहा कि सत्ताधारी गठबंधन विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद नहीं चाहता ताकि महत्वपूर्ण सवालों उठाए न जा सकें। राउत ने यह भी आरोप लगाया कि विधान भवन में वाहनों में हथियार लाए गए थे और राकांपा (एसपी) विधायक जितेंद्र अव्हाड पर हमला करने की साजिश थी।
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