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फिल्म 'केसरी चैप्टर 2' के निर्माताओं पर भड़कीं ममता बनर्जी, क्रांतिकारी खुदीराम बोस का अपमान करने का लगाया आरोप

ममता बनर्जी ने कहा कि हाल ही में एक हिंदी फिल्म में खुदीराम बोस को खुदीराम 'सिंह' कहा गया। जिन्होंने देश की आजादी के लिए जान दी, उनका अपमान क्यों किया जा रहा है? क्या अब भाषा को लेकर नफरत फैलाने वाले लोग अमर क्रांतिकारियों को भी नहीं छोड़ेंगे?

फिल्म 'केसरी चैप्टर 2' के निर्माताओं पर भड़कीं ममता बनर्जी, क्रांतिकारी खुदीराम बोस का अपमान करने का लगाया आरोप
फिल्म 'केसरी चैप्टर 2' के निर्माताओं पर भड़कीं ममता बनर्जी, क्रांतिकारी खुदीराम बोस का अपमान करने का लगाया आरोप फोटोः सोशल मीडिया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को बॉलीवुड फिल्म 'केसरी चैप्टर 2' के निर्माताओं के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया। खुदीराम बोस की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के दौरान उन्होंने कहा कि इस फिल्म में बंगाल के क्रांतिकारी खुदीराम बोस को गलत तरीके से 'खुदीराम सिंह' के नाम से दिखाया गया है। ममता बनर्जी ने कहा कि फिल्म में खुदीराम बोस का नाम गलत तरीके से दिखाना बंगाली भाषा पर हमला है और उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान दी।

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ममता बनर्जी ने खुदीराम बोस की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया और लिखा, "क्रांतिकारी खुदीराम बोस की पुण्यतिथि पर मेरा सादर नमन। हाल ही में एक हिंदी फिल्म में खुदीराम को 'सिंह' कहा गया। जिन्होंने देश की आजादी के लिए जान दी, उनका अपमान क्यों किया जा रहा है? क्या अब भाषा को लेकर नफरत फैलाने वाले लोग अमर क्रांतिकारियों को भी नहीं छोड़ेंगे?"

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हाल ही में 'केसरी चैप्टर 2' के निर्माताओं के खिलाफ खुदीराम बोस को गलत तरीके से 'खुदीराम सिंह' के रूप में दिखाने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत बिधाननगर साउथ थाने में की गई है। आरोप है कि फिल्म में पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक व्यक्तित्वों को गलत तरीके से दिखाया गया है। शिकायत में कहा गया कि फिल्म में खुदीराम बोस को गलत तरीके से 'खुदीराम सिंह' कहा गया है, वहीं बारीन्द्र कुमार घोष को 'बीरेन्द्र कुमार' बताया गया। क्रांतिकारी को अमृतसर निवासी दिखाया गया जबकि वे पश्चिम बंगाल से थे।

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खुदीराम बोस देश के सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। उन्हें मुजफ्फरपुर बम कांड में शामिल होने के कारण 11 अगस्त 1908 को सिर्फ 18 साल की उम्र में फांसी दी गई थी। ममता बनर्जी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में आगे कहा कि फिल्म में बंगाल के इस वीर सपूत को पंजाब का बेटा दिखाया गया, जो पूरी तरह गलत है। ममता बनर्जी ने कहा, "मेदिनीपुर के इस निडर नौजवान को फिल्म में पंजाब का बेटा दिखाया गया है। यह दुखद और असहनीय है। हम हमेशा उनका सम्मान करते आए हैं, जो देशभक्ति और बलिदान की मिसाल हैं।"

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उन्होंने कहा, "हमारी सरकार खुदीराम बोस की यादों को बचाने और सम्मान देने के लिए कई काम कर रही है। खुदीराम बोस के जन्मस्थान महाबनी और उसके आस-पास के इलाकों के और बेहतर विकास के लिए 'महाबनी डेवलपमेंट अथॉरिटी' बनाई गई है। इसके अलावा, उनके इलाकों में खुदीराम की मूर्ति लगाई गई है। पुरानी लाइब्रेरी की मरम्मत की गई है। एक नया और बड़ा ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस रूम और ओपन स्टेज तैयार किया गया है। पर्यटकों के लिए आधुनिक कॉटेज बनाए गए हैं। पुराना खुदीराम पार्क फिर से सुंदर बनाया गया है। पूरे इलाके को लाइटों से सजाया गया है।'' उन्होंने आगे बताया कि उनकी सरकार ने कोलकाता में एक मेट्रो स्टेशन का नाम खुदीराम बोस के नाम पर रखा है।

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