पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी शासित राज्यों में बांग्ला भाषी लोगों पर अत्याचार के खिलाफ आज कोलकाता में विरोध मार्च निकाला। मार्च के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर देश भर में बांग्ला भाषी लोगों को परेशान करने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने की नीति पर चलने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि अगर उसने इस तरह की कार्रवाइयों पर तत्काल रोक नहीं लगाई तो उसे गंभीर राजनीतिक परिणाम भुगतने होंगे। ममता ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए निर्वाचन आयोग को प्रभावित कर रही है।
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तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो बनर्जी ने रैली में आरोप लगाया, ‘‘मैं केंद्र सरकार के उन नोटिसों को चुनौती दूंगी जो बांग्ला भाषी लोगों को परेशान करने और मामूली संदेह पर उन्हें हिरासत में लेने के लिए बीजेपी शासित राज्यों को गुप्त रूप से भेजे गए थे।’’ ममता ने दावा किया, ‘‘बंगालियों के प्रति केंद्र और बीजेपी के रवैये से मैं शर्मिंदा और निराश हूं।’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर बीजेपी बांग्ला भाषी लोगों का उत्पीड़न करने की कोशिश करती है, तो उसका ‘इंच-दर-इंच’ मुकाबला किया जाएगा।
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ममता ने कहा कि भगवा खेमे (बीजेपी) को 2026 के विधानसभा चुनाव के दौरान 'खेला होबे' (2021 के पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले गढ़ा गया नारा) के एक नए दौर के लिए तैयार रहना चाहिए। तृणमूल सुप्रीमो ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, ‘‘मैंने अब से ज़्यादा बांग्ला में बोलने का फैसला किया है, यदि आप कर सकते हैं तो मुझे निरुद्ध शिविर में डाल दीजिए।’’
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टीएमसी प्रमुख ने कहा कि बंगाल के लगभग 22 लाख प्रवासी कामगार देश के अन्य हिस्सों में काम कर रहे हैं, जिनके पास आधार, ईपीआईसी और पैन कार्ड जैसे वैध पहचान पत्र हैं। बनर्जी ने कहा कि वह मामूली आधार पर उनके साथ किए गए किसी भी अनादर को बर्दाश्त नहीं करेंगी। उन्होंने पूछा, ‘‘बीजेपी को बंगालियों को इस तरह परेशान करने, उन्हें गिरफ्तार करने और उन्हें जबरन बांग्लादेश वापस भेजने का क्या अधिकार है? क्या पश्चिम बंगाल भारत का हिस्सा नहीं है?’’
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मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि चरम स्थितियों के लिए कठोर जवाबी कदम उठाने पड़ते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे सरल शब्दों में कहूंगी। हम आपसे भौतिक रूप से नहीं लड़ेंगे। लेकिन अगर बीजेपी उत्पीड़न की अपनी नीतियों को तुरंत बंद नहीं करती है, तो तृणमूल कांग्रेस जानती है कि उन्हें कैसे रोका जाए।’’ इससे पहले विरोध मार्च में भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। यह मार्च मध्य कोलकाता के डोरीना क्रॉसिंग पर समाप्त हुआ।
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