
यमुना एक्सप्रेसवे हुआ हादसा ने हर किसी के रौंगटे खड़े कर दिए। इस हादसे में हर तरफ चीख पुकार मची हुई है। इस दौरान एक दिल दहलाने वाली घटना भी सामने आई है। जहां जलती बस में फंसी पार्वती के सामने मौत खड़ी थी। यह मां की ममता ही थी कि उसने टूटी खिड़की से पहले अपने दोनों बच्चों को बाहर लटका कर उनकी जान बचाई, लेकिन इस दौरान कांच का टुकड़ा उसकी गर्दन में घुस गया और वह लहूलुहान होकर गिर पड़ी।
पार्वती के देवर गुलजारी अब भी अस्पतालों में उसकी तलाश कर रहे हैं, जहां एंबुलेंस से लगातार काले पॉलीबैग में रखे क्षत-विक्षत शव लाए जा रहे हैं।
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मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के सात बसों और तीन अन्य वाहनों के एक दूसरे से टकराने के बाद लगी आग में झुलसने से 13 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 95 लोग घायल हुए हैं।
मथुरा के मुर्दाघर के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए गुलजारी ने बताया कि पार्वती के बच्चे प्राची और सनी ने बताया कि उन्हें बाहर निकालने की कोशिश के दौरान उनकी मां बस के अंदर ही बेहोश होकर गिर पड़ी। उन्होंने बताया कि अब तक पार्वती का कोई पता नहीं चल पाया है।
पुलिस ने बताया कि सभी 13 लोगों की मौत झुलसने के कारण हुई और शव इतनी बुरी तरह झुलस चुके हैं कि शिनाख्त करना बेहद कठिन हो गया है।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने कहा, ‘‘हम शवों के डीएनए नमूनों को उनके रिश्तेदारों द्वारा दिए गए नमूनों से मिलाने के लिए सुरक्षित रख रहे हैं। अब तक तीन मृत यात्रियों की पहचान हो चुकी है और उनके परिवारों से संपर्क किया जा रहा है। उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उन पर आगे कार्रवाई की जाएगी।’’
श्लोक कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, "सुबह 4.02 बजे पुलिस को कॉल किया गया, और पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) सुबह 4.08 बजे मौके पर पहुंच गई। दूसरी पीआरवी कॉल करने के नौ मिनट बाद (सुबह 4.11 बजे) मौके पर पहुंची। तीसरी पीआरवी कॉल करने के 13 मिनट बाद मौके पर पहुंची।"
उन्होंने कहा कि पहले एक वाहन और एक बस के बीच टक्कर हुई और इसके बाद कई बसें दोनों वाहनों से टकरा गईं। उनके मुताबिक, पीछे से आ रही गाड़ियों ने लेन बदलने की कोशिश की, लेकिन तब तक पहले वाहन में सवार लोग सड़क पर आ गए थे और उन्हें बचाने की कोशिश में एक और टक्कर हो गई।
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एसएसपी ने कहा, " दृश्यता एक मीटर भी नहीं थी। जब मैं मौके पर पहुंचा, तब भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।"
कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि वाहनों की टक्कर की आवाज कई किलोमीटर दूर के गांवों तक सुनाई दी, जिससे सुबह की शांति भयावह चीख-पुकार में बदल गई। भारी धुंध के कारण बचाव कार्य में भी कठिनाइयां आईं।
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