
राजस्थान के जोधपुर के केंद्रीय जेल में बंद लद्दाख के कार्यकर्ता सोनम वांगचुक से मुलाकात की इजाजत नहीं मिलने पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(M)) के सांसद अमरा राम ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह किन शर्तों के तहत वांगचुक से मिलने की अनुमति देगी।
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जेल में वांगचुक से मिलने गए अमरा राम आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद आखिरकार जेल से लौट गए।
सीकर के सांसद जब जेल गए तो मुख्य द्वार से थोड़ी ही दूरी पर पुलिस द्वारा बैरिकेड्स लगाए गए थे। इसके बाद उन्होंने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर वांगचुक से मिलने की अनुमति मांगी, लेकिन प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए मना कर दिया।
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लद्दाख के लेह में 24 सितंबर को हिंसक प्रदर्शन भड़काने के आरोप में शुक्रवार को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत लेह में गिरफ्तार किए जाने के बाद वांगचुक को जोधपुर जेल ले जाया गया था। वह लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग वाले आंदोलन में सबसे आगे रहे हैं।
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अमरा राम ने जेल के बाहर संवाददाताओं से कहा, "लद्दाख के लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं किए गए, प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गईं और उनके नेता सोनम वांगचुक को सलाखों के पीछे डाल दिया गया।"
उन्होंने कहा, "वांगचुक कोई आतंकवादी नहीं हैं कि उनसे मिलने से भी मना कर दिया जाए। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह वांगचुक से कब और किन शर्तों पर मुलाकात की अनुमति देगी।"
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सांसद ने केंद्र सरकार पर विश्वासघात करने और दमनकारी रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया।
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