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मोदी सरकार ने सम्मानित कलाकारों से बंगला खाली कराना शुरू किया, बुजुर्ग मायाधर राउत का सामान घर से बाहर निकाला

1970 के दशक में कई प्रतिष्ठित कलाकारों को बेहद कम किराए पर 3 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर दिल्ली में घर आवंटित किए गए थे। इस कॉन्ट्रैक्ट को हर 3 साल की अवधि के बाद बढ़ाया जाता रहा था। लेकिन साल 2014 के बाद सभी कलाकारों के कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया गया।

फोटोः साभार
फोटोः साभार 

केंद्र की मोदी सरकार ने विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित उन कलाकारों से सरकारी बंगलों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन्हें 1970 के दशक में दिल्ली के खेल गांव इलाके में किराए पर सरकारी बंगला आवंटित किया गया था। इनमें कई पद्म और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कलाकारों के नाम शामिल हैं। इसी सिलसिले में मंगलवार को अधिकारियों ने 91 वर्षीय वयोवृद्ध ओडिसी नृत्य गुरु मायाधार राउत का सामान निकालकर घर से बाहर सड़क पर रख दिया।

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ओडिसी नृत्य कलाकार गुरु मायाधार राउत को 2010 में राष्ट्रपति की ओर से ओडिसी नृत्य को शास्त्रीय संगीत का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाने के लिए पदम श्री से सम्मानित किया गया था। यह देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। राउत को बंगला खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा। राउत ने आवास विभाग के अधिकारियों पर पर्याप्त समय नहीं देने का आरोप लगया है। वहीं सरकार ने भी इस आरोप पर सफाई दी है।

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बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में 8 अन्य वरिष्ठ कलाकारों से भी ऐसे बंगले खाली कराए जाने हैं। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 28 कलाकारों में से अभी भी लगभग 8 ऐसे हैं, जो कई नोटिस के बावजूद सरकारी आवास को खाली नहीं कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि इन आठ कलाकारों ने हमें आश्वासन दिया है कि वे अपने बंगले खाली करने की प्रक्रिया में हैं और कुछ और दिनों की मांग की है। उन्होंने हमें लिखित दिया है कि वे 2 मई तक आवास खाली कर देंगे, इसलिए हमने उन्हें तब तक का समय दिया है।

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बता दें कि 1970 के दशक में कई प्रतिष्ठित कलाकारों को बेहद कम किराए पर सरकार की ओर से 3 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर दिल्ली में घर आवंटित किए गए थे। इस कॉन्ट्रैक्ट को हर 3 साल की अवधि के बाद तब से लगातार बढ़ाया जाता रहा था। लेकिन साल 2014 के बाद सभी कलाकारों के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि को नहीं बढ़ाया गया और उसे रद्द भी कर दिया गया, जिसके बाद कलाकारों पर घर खाली करने का दबाव बढ़ता जा रहा था।

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इसके बाद आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने इन कलाकारों को 2020 में इन घरों को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था। सरकार के नोटिस पर कथक के दिवंगत प्रतिपादक बिरजू महाराज, ध्रुपद प्रतिपादक वसीफद्दीन डागर, कुचिपुड़ी गुरु जयराम राव और मोहिनीट्टम के प्रतिपादक भारती शिवाजी सहित कई कलाकारों ने अदालत का रुख किया था। जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मानवीय आधार पर सभी लोगों को घर खाली करने के लिए 25 अप्रैल 2022 तक का समय दिया था। इन 28 में से 17 कलाकार अपने घर खाली कर चुके हैं।

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