कांग्रेस नेता नाना पटोले ने शुक्रवार को चुनाव प्रक्रिया की सीसीटीवी, वेबकास्टिंग और वीडियो फुटेज को 45 दिनों के बाद नष्ट करने के निर्वाचन आयोग के निर्देश की आलोचना की और उस पर केंद्र सरकार के साथ “साठगांठ” करने का आरोप लगाया। निर्वाचन आयोग ने दुर्भावनापूर्ण विमर्श बनाने के लिए उसके इलेक्ट्रॉनिक आंकड़ों के इस्तेमाल की आशंका जताते हुए 30 मई को एक पत्र में राज्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि फैसले को उससे पहले अदालत में चुनौती नहीं दी जाती है तो वे 45 दिनों के बाद ऐसे फुटेज को नष्ट कर दें।
Published: undefined
महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हरियाणा में चुनाव के बाद कुछ लोगों ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और अदालत ने आयोग को चुनाव प्रक्रिया की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बाद निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर चुनाव संचालन नियम की धारा 93 में संशोधन करने को कहा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दिन-रात काम किया और नियमों में संशोधन किया।
Published: undefined
कांग्रेस नेता पटोले ने दावा किया, “इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग की मिलीभगत है।” उन्होंने पूछा कि निर्वाचन आयोग को जानकारी छिपाने की आवश्यकता क्यों पड़ी और सरकार क्यों नहीं चाहती कि लोगों को पता चले कि कितने मतदाता मतदान केन्द्र पर गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और निर्वाचन आयोग के इस आदेश को चुनौती दी है।
Published: undefined
अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने और अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने इन घटनाओं की जिम्मेदारी क्यों नहीं ली और इस्तीफा क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद कांग्रेस ने जिम्मेदारी ली थी और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख से इस्तीफा देने को कहा था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined