दिल्ली रेल संभाग ने एक नया प्रोटोकॉल अपनाया है जिसके तहत स्टेशन अधिकारी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर आठ से 16 तक पर किसी भी ट्रेन के आगमन से पहले रेलवे सुरक्षा बल से मंजूरी लेंगे।
यह निर्णय 15 फरवरी को प्लेटफार्म संख्या 14 के पास सीढ़ी पर हुई भगदड़ जैसी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लिया गया है। भगदड़ की इस घटना में 18 यात्रियों की मौत हो गयी थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
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आम तौर पर आठ से 16 तक के प्लेटफॉर्म पर प्रयागराज, पटना, कानपुर, लखनऊ, हावड़ा आदि पूर्वी क्षेत्रों से आने वाली या वहां से जाने वाली सभी ट्रेन ठहरती हैं तथा महाकुंभ के कारण इन सभी ट्रेन में यात्रियों की बहुत भीड़ होती है।
दिल्ली संभाग की ओर से 19 फरवरी को जारी किये गये एक परिपत्र में स्टेशन अधिकारियों को एक नई प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया गया है, जिसके तहत आरपीएफ से मंजूरी मिलने के बाद ही ट्रेन को इच्छित प्लेटफार्म, यानी संख्या आठ से 16 पर ठहराया जाएगा।
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परिपत्र में कहा गया है कि नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर नई प्रक्रिया लागू करने का कारण उत्तर मध्य रेलवे (जिसके अंतर्गत प्रयागराज आता है) और उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल एवं मुरादाबाद मंडल के ‘स्टेशनों पर भारी भीड़ और भीड़भाड़ के कारण ट्रेनों का देरी से पहुंचना’ है।
परिपत्र के अनुसार, स्टेशन अधिकारी पावर केबिन के आरपीएफ कर्मियों को ‘ट्रेन के आगमन के बारे में 15 मिनट पहले सूचना देंगे और उन्हें उस प्लेटफॉर्म नंबर की भी जानकारी देंगे, जिस पर ट्रेन पहुंचने वाली है। ’
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इसमें कहा गया है कि ये आरपीएफ कर्मचारी ‘स्टेशन और जिस प्लेटफॉर्म पर ट्रेन पहुंचने वाली है, वहां भीड़ की स्थिति के बारे में सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष और फुट ओवर ब्रिज/प्लेटफॉर्म पर तैनात आरपीएफ कर्मियों के साथ समन्वय करेंगे।’
परिपत्र में कहा गया है कि सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष और प्लेटफार्म/फुट ओवर ब्रिज आदि जगह पर तैनात कर्मियों से मंजूरी मिलने के बाद, पावर केबिन के आरपीएफ कर्मी इच्छित प्लेटफॉर्म पर विशेष ट्रेन को ठहराने/आगमन की मंजूरी देंगे।
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परिपत्र में कहा गया है, ‘‘आरपीएफ से मंजूरी मिलने के बाद ही उस ट्रेन को इच्छित प्लेटफॉर्म पर आगमन को हरी झंडी दी जाएगी।’’
उसमें कहा गया है, ‘‘इसी तरह, किसी भी स्टेशन से प्रस्थान करने वाली ट्रेन को प्लेटफॉर्म पर लाने से पूर्व आरपीएफ से उसी तरह मंजूरी लेनी होगी, जैसा कि ऊपर बताया गया है।’’
परिपत्र में कहा गया है कि जहां तक प्लेटफार्म संख्या एक से सात तक का सवाल है तो सामान्य परिचालन जारी रहेगा और आरपीएफ से मंजूरी लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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