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कोरोना के बाद चीन से नई महामारी का खतरा, सूअर फार्म में मिला एक और खतरनाक वायरस

चीन के सूअर फार्मों में एक नया वायरस मिला है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वायरस में भी महामारी फैलाने की क्षमता हो सकती है। एंटीबॉडी टेस्ट से पता चला है कि चीन के लगभग दस प्रतिशत सूअर फार्म इस नए वायरस से संक्रमित हैं, जो आने वाले वक्त में खतरनाक हो सकता है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

चीन में महामारी विशेषज्ञों ने एक नए तरह के स्वाइन फ्लू वायरस का पता लगाया है। अमेरिकी साइंस जर्नल 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि यह नया वायरस भी महामारी की वजह बन सकता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से तुरंत कोई खतरा नहीं है, लेकिन भविष्य में खतरनाक रूप ले सकता है।

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अमेरिकी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के लेखक कहते हैं कि यह वायरस इंसानों के लिए ज्यादा संक्रामक हो गया है और इसके संभावित "महामारी वायरस" बनने की सूरत में इस पर नजर रखने की जरूरत है। चीन के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और चीन के बीमारी नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च किया है।

साल 2011 से 2018 तक वैज्ञानिकों ने चीन के 10 अलग-अलग प्रांतों के बूचड़खानों से सूअरों की नाक से तीन हजार से ज्यादा टेस्ट नमूने लिए। फिर एक पशु चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू के 179 वायरसों को अलग-अलग किया गया। इन वायरसों में रिसर्चरों को एच1एन1 के "जी4" के प्रमाण मिले, जो महामारी फैलाने वाले वायरसों में मिलता है। इसके बाद शोधकर्ताओं ने कई अलग-अलग प्रयोग किए। इनमें नेवलों पर किए गए प्रयोग भी शामिल हैं, जो स्वाइन फ्लू के लक्षणों को इंसानों की तरह ही महसूस करता है।

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चीन के सूअर फार्म संक्रमण केंद्र

कई टेस्टों के बाद रिसर्चरों ने पाया कि जी4 बेहद संक्रामक है और इंसानी कोशिशाओं में तेजी से फैलता है। इसके प्रयोग से नेवलों में अन्य वायरसों की तुलना में कहीं ज्यादा लक्षण सामने आए। रिसर्चरों को यह भी पता चला कि सूअर फार्मों में काम करने वाले लोगों के खून में वायरसों का स्तर कहीं ज्यादा है। टेस्ट बताते हैं कि 10.4 प्रतिशत सूअर किसान इस वायरस से संक्रमित हो गए हैं। उनमें वायरस के कारण एंटीबॉडी बनने का पता चला है। रिसर्चरों का मानना है कि 4.4 प्रतिशत आम आबादी भी इन वायरसों के संपर्क में हो सकती है।

रिसर्चरों द्वारा किए गए टेस्ट दिखाते हैं कि मौसमी फ्लू से इंसानों के शरीर में आई प्रतिरोधक क्षमता जी4 से सुरक्षित नहीं कर पाती है। अध्ययन कहता है, "इंसानी आबादी और खासकर सूअर उद्योग में काम करने वाले लोगों की नजदीकी तौर पर निगरानी करनी होगी।" वैज्ञानिक चेतावनी देते हैं कि जी4 की वजह से पैदा महामारी के जोखिम को कम करना होगा।

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वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) ने इस नए खतरे पर कहा है कि वह इस अध्ययन को गंभीरता से पढ़ेगा। डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता क्रिस्टियान लिंडमायर ने कहा, "यह इस बात पर भी जोर देता है कि इंफ्लुएंजा के प्रति हमें कोई लापरवाही नहीं बरतनी है और सजग रहना होगा, कोरोना महामारी के दौर में भी इसकी पूरी निगरानी रखनी होगी।”

वहीं चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिचियान ने इस बारे में कहा कि चीन इस बारे में होने वाले घटनाक्रमों पर नजर रखे हुए है। हम किसी भी वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे।

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