
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की मार जारी है। पिछले करीब 12 दिनों से राजधानी और उसके आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। सुबह की हवा में मौजूद धुआं और धूल साफ दिखाई दे रहे हैं। राजधानी का औसत AQI 352 दर्ज किया। यह लगातार 12वां दिन है जब दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। इसी बीच पारा भी तेजी से लुढ़क रहा है। मंगलवार को अधिकतम तापमान गिरकर 25.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो इस सीजन का सबसे कम अधिकतम तापमान है।
मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार (27 नवंबर) को हल्का कोहरा छाने और तापमान 24 से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।
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सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में बुधवार सुबह 6 बजे सबसे खराब हवा रोहिणी में दर्ज की गई, जहां AQI 379 तक पहुंच गया।
कहां कितना AQI दर्ज किया गया?
वजीरपुर: 375
मुंडका: 374
जहांगीरपुरी: 368
दिल्लीवासियों को आने वाले दिनों में राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, 26 से 28 नवंबर तक हवा में कोई खास सुधार देखने को नहीं मिलेगा। चिंता की बात यह है कि अगले 6 दिनों तक हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच रह सकती है।
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दिल्ली की खराब हवा के बीच एक और बड़ी चिंता सामने आई है। इथियोपिया के अफार क्षेत्र में हायली गुब्बी नाम का ज्वालामुखी फट गया, जिससे 14 किलोमीटर ऊंचाई तक राख का गुबार उठा है। मौसम एजेंसियों ने बताया कि राख का बड़ा हिस्सा चीन की ओर बढ़ रहा है, लेकिन मॉडल्स में दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में इसके हल्के प्रभाव की संभावना जताई गई है।
जानकारों का कहना है कि असर सीमित रहेगा, लेकिन हवा पहले से ही खराब होने की वजह से मामूली बदलाव भी लोगों की सेहत पर असर डाल सकता है।
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पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) की निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) ने बताया कि मंगलवार को दिल्ली के कुल प्रदूषण में वाहनों का योगदान 19.6 फीसदी रहा।
पराली का योगदान 1.5 फीसदी
बुधवार को वाहन प्रदूषण बढ़कर 21 फीसदी होने का अनुमान है।
साफ है कि राजधानी की हवा को जहरीला बनाने में सबसे बड़ा रोल स्थानीय प्रदूषण का है, बाहरी कारकों का नहीं।
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NCR के कई शहरों का AQI आज सुबह भी चिंताजनक रहा-
नोएडा: 358
ग्रेटर नोएडा: 324
गाजियाबाद: 319
फरीदाबाद: 220
गुरुग्राम: 282
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0–50: अच्छा
51–100: संतोषजनक
101–200: मध्यम
201–300: खराब
301–400: बेहद खराब
401–500: गंभीर
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प्रदूषण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बिगड़ी हवा का असर बच्चों, बुजुर्गों और दमा के मरीजों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है।
सांस लेने में परेशानी
आंखों में जलन
गले में खराश
सुबह-शाम भारीपन
यह परेशानियां अगले कुछ दिनों में और बढ़ सकती हैं, क्योंकि हवा की गति कम रहने से प्रदूषक जमीन के पास जमा हो जाते हैं।
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