राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि ध्रुवीकरण की राजनीति देशहित में नहीं है। वे बीकानेर में मीडिया से बात कर रहे थे।
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “देश किस दिशा में जा रहा है किसी को नहीं मालूम, किस दिशा में जाएगा, कोई नहीं जानता... क्योंकि जिस प्रकार से राजनीति ध्रुवीकरण की हुई है ये थोड़े समय में तो अच्छी लग सकती है पर दीर्घकाल में देश हित में नहीं है।'
उन्होंने कहा कि भारत बहुत बड़ा मुल्क है जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, फारसी व जैन सब रहते हैं और यहां अलग अलग भाषाएं हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों ने, कार्यक्रमों ने, संविधान की मूल भावना ने इस देश को एकजुट व अखंड रखा।
उन्होंने देश के विकास में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान और इंदिरा गांधी व राजीव गांधी के बलिदान का जिक्र करते हुए कि प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी इनका कभी नाम नहीं लेते।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की हालिया दिल्ली यात्रा संबंधी सवाल को गहलोत ने यह कहते हुए टाल दिया किया “यह पार्टी भाजपा के अंदरूनी मामले हैं और जबसे (उपराष्ट्रपति जगदीप) धनखड़ से जुड़ा मामला हुआ है तब से सरकार खुद का बचाव करने में जुट गई है।”
उन्होंने कहा कि धनखड़ ने “खुद इस्तीफा दिया या इस्तीफा दिलवाया गया ये तमाम बातें रहस्य बनी हुई हैं।”
इसके साथ ही गहलोत ने राज्य में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव फिर शुरू करवाए जाने की मांग का समर्थन किया।
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