केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने महादेव ऐप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आरोपी बनाया है और उनके निवास पर छापेमारी की है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद, भूपेश बघेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए।
भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां उनकी राजनीतिक हत्या करना चाहती हैं और उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना चाहती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध के तहत की जा रही है। उन्होंने कहा कि एफआईआर 18 दिसंबर को दर्ज हुई थी, लेकिन इसे मंगलवार (1 अप्रैल) को सार्वजनिक किया गया। यह एफआईआर ईडी और सीबीआई के बीच इधर-उधर हो रही है।
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उन्होंने सवाल उठाया कि केंद्र सरकार के पास गैम्बलिंग से संबंधित कोई कानून नहीं है और न ही ऑनलाइन गैम्बलिंग के लिए कोई कानून मौजूद है। अब सवाल यह है कि यह ऐप वैध है या अवैध? अगर यह वैध है, तो इसमें प्रोटेक्शन मनी की बात क्यों हो रही है? और अगर यह अवैध है, तो फिर ऐप अब तक चल क्यों रहा है?
उन्होंने कहा कि एफआईआर में सबसे ऊपर रवि उप्पल का नाम है, जबकि उनका खुद का नाम छठे नंबर पर और सौरभ चंद्राकर का आठवें नंबर पर है। लेकिन शुभम सोनी, जो खुद को इस ऐप का मालिक बताता है, उसका नाम एफआईआर में नहीं है। फिर भी, उन्हें आरोपी बनाया गया है।
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केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि जब-जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ आते हैं, तब-तब सीबीआई और ईडी की छापेमारी होती है। प्रधानमंत्री मोदी के आने से पहले ईडी की रेड पड़ी। अब अमित शाह आ रहे हैं और इस एफआईआर को इतने समय बाद सार्वजनिक किया जा रहा है। इसका क्या औचित्य है?
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जा सकती है, लेकिन उन्हें इससे कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं न पहले भागा था, न अब भागूंगा। गिरफ्तार करना है तो कर लो, मुझे कोई डर नहीं है।"
बघेल ने कहा कि वह सत्य की लड़ाई लड़ते रहेंगे और जनता के मुद्दों को उठाते रहेंगे। साल 2024 के दिसंबर में उन्होंने विदेश में बैठे उन लोगों के खिलाफ भारत सरकार से लुकआउट नोटिस जारी करने की अपील की थी, जो ऑनलाइन बेटिंग कर रहे थे। हमने पहले भी इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
भूपेश बघेल ने अंत में कहा कि वह इस मामले को लेकर घबराने वाले नहीं हैं और सत्य की लड़ाई लड़ते रहेंगे। हम छत्तीसगढ़ के मुद्दों को हाईलाइट कर रहे हैं, और इस तरह की कार्रवाई सिर्फ हमारी आवाज को दबाने की कोशिश है, लेकिन हम कभी भी अपने रास्ते से भटकने वाले नहीं हैं। हमारा रास्ता सत्य का है।
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