
दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को पेश किए गए बजट 2025-26 पर चर्चा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार बजट पर विस्तृत चर्चा से बच रही है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखकर मांग की कि बजट पर चर्चा के लिए कम से कम दो दिन का समय दिया जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि बजट पर चर्चा के लिए महज एक घंटे का समय दिया गया है, जबकि आमतौर पर इस प्रक्रिया में कई दिन लगते हैं। उन्होंने कहा, "दिल्ली की जनता और पूरे देश की नजरें इस बजट पर टिकी हुई हैं। बजट एक महत्वपूर्ण आर्थिक दस्तावेज होता है, जिस पर गहन चर्चा और बहस आवश्यक है। लेकिन, सरकार इसे अन्य एजेंडा के बीच सीमित समय में निपटाने की कोशिश कर रही है, जो बेहद चिंताजनक है।"
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आतिशी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण (इकोनॉमिक सर्वे) प्रस्तुत नहीं किया, जो कि संसदीय परंपराओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आर्थिक सर्वेक्षण में ऐसा क्या था जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया? पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि 70 सदस्यों वाली विधानसभा में बजट पर चर्चा के लिए महज एक घंटे का समय देना लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के साथ अन्याय है।
उन्होंने मांग की कि 26 और 27 मार्च को केवल बजट पर चर्चा होनी चाहिए और अन्य विषयों की चर्चा 28 मार्च को की जाए या सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया जाए।
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