कांग्रेस ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के लड़ाकू विमान गिरने की बात स्वीकार करने पर मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने वाजपेयी सरकार का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या मोदी सरकार अब सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ द्वारा किए गए खुलासे के मद्देनज़र वैसा ही कोई कदम उठाएगी?
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दरअसल, सिंगापुर में ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में सीडीएस चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के लड़ाकू विमानों के गिरने की चर्चा पर पूछे गए सवाल पर कहा कि कि लड़ाकू विमानोंं का गिराया जाना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें क्यों गिराया गया और उसके बाद हमने क्या किया।
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सीडीएस चौहान के इस खुलासे पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 29 जुलाई 1999 को, करगिल युद्ध समाप्त होने के महज तीन दिन बाद, वाजपेयी सरकार ने देश के सामरिक मामलों के विशेषज्ञ के. सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में करगिल समीक्षा समिति गठित की थी- जिनके पुत्र आज भारत के विदेश मंत्री हैं। इस समिति ने पाँच महीने बाद अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट को जिसका शीर्षक था ‘From Surprise to Reckoning’- आवश्यक संशोधनों के बाद 23 फरवरी 2000 को संसद के दोनों सदनों के पटल पर रखा गया था। क्या मोदी सरकार अब सिंगापुर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ द्वारा किए गए खुलासे के मद्देनज़र वैसा ही कोई कदम उठाएगी?
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सीडीएस जनरल चौहान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हुए नुकसान पर ब्लूमबर्ग से कहा कि जेट खोना कोई महत्वपूर्ण बात नहीं है। असली जीत यह है कि हमने बचे हुए जेट नहीं खोये। जब ब्लूमबर्ग ने पूछा कि पाकिस्तान कहता है कि उसने 6 लड़ाकू विमान गिरा दिए तो इस पर सीडीएस ने कहा, "बिल्कुल गलत। यह कोई बड़ी बात नहीं है। क्या बड़ी बात है, वे क्यों नीचे गिरे? हमने इसे समझ लिया और 2 दिनों के भीतर इसे ठीक कर दिया।"
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