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विपक्ष ने अग्निपथ, मंहगाई, हेट स्पीच सहित 20 मुद्दों पर चर्चा की मांग की, मानसून सत्र का हंगामेदार होना तय

खड़गे ने बताया कि विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर के हालात, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा, संघीय ढांचे पर चोट महंगाई, अग्निपथ, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, चीनी घुसपैठ, विदेश नीति, डीएचएफएल घोटाले सहित 20 मुद्दों पर मानसून सत्र में चर्चा की मांग की है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

संसद के कल से शुरू होने वाले मानसून सत्र को लेकर संसदीय कार्य मंत्री द्वारा आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार के समक्ष उन 13 सामयिक मुद्दों को रखा, जिन्हें कांग्रेस द्वारा मानसून सत्र के दौरान चर्चा के लिए चुना गया है। वहीं अन्य विपक्षी दलों ने 7 विभिन्न मुद्दों पर सरकार से चर्चा कराने की मांग की है।

कांग्रेस ने संघीय ढांचे पर हमले, सेना भर्ती की अग्निपथ योजना, डीएचएफएल बैंक धोखाधड़ी, अनियंत्रित मुद्रास्फीति, बढ़ती बेरोजगारी, राजकोषीय और रुपये की गिरावट, हेट स्पीच, जम्मू-कश्मीर में बढ़ते अपराध और कश्मीरी पंडितों पर हमले, स्वायत्त निकायों और संवैधानिक संस्थाओं के पतन, राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा, चीनी घुसपैठ और विदेश नीति की विफलताएं, अल्पसंख्यकों के घरों का अवैध विध्वंस, कांग्रेस नेताओं पर अलोकतांत्रिक हमले और वन संरक्षण नियमों में संशोधन पर चर्चा की मांग की।

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सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने सदन के कामकाज के सुचारू संचालन में अपने दृढ़ विश्वास को दोहराया, ताकि सार्वजनिक हित के सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को संसद में उठाया और संबोधित किया जा सके। यह बताते हुए कि विधायिका महत्वपूर्ण है, कांग्रेस ने जोर दिया कि अल्पावधि चर्चा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, विशेष उल्लेख आदि के रूप में गैर-सरकारी व्यवसाय के लिए अधिक समय समर्पित किया जाए।

खड़गे ने बताया कि सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर के हालात, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा, संघीय ढांचे पर प्रहार, महंगाई, अग्निपथ योजना, ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, चीनी घुसपैठ, विदेश नीति, 34 हजार करोड़ के घोटाले सहित 20 मुद्दों पर संसद सत्र के दौरान चर्चा की मांग की है। उन्होंने संसद सत्र के छोटे होने की बात कहते हुए कहा कि सरकार ने 32 विधेयक की बात कही है और विपक्ष 20 मुद्दों पर चर्चा चाहता है, यह इतने छोटे सत्र में कैसे हो पाता है देखना होगा। विपक्ष की तरफ से सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति का भी मुद्दा उठाया गया।

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सरकार की तरफ से जवाब देते हुए केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि नियमों और प्रक्रियाओं के मुताबिक लोक सभा अध्यक्ष और राज्य सभा सभापति की अनुमति से सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति के विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए जोशी ने कहा कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक में यह मुद्दा उठाया था लेकिन कांग्रेस को यह याद रखना चाहिए कि 2014 से पहले उनकी सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कितनी बार इस तरह की बैठक में आए थे?

संसद सत्र की छोटी अवधि के दौरान 32 बिल लाने के खड़गे द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि 14 बिल अभी तैयार हैं और जहां तक सभी 32 विधेयकों का सवाल है, हमने उन्हें इसलिए बता दिया है कि वो इसे लेकर अपनी तैयारी कर लें और उसके बारे में हमें अपने सुझाव दें।

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सर्वदलीय बैठक के दौरान, आप सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपराज्यपाल द्वारा सिंगापुर जाने की अनुमति नहीं देने का मसला उठाया। डीएमके सांसद टीआर बालू ने श्रीलंकाई तमिलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार से श्रीलंका में हस्तक्षेप की मांग की। अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब में बिगड़ रहे हालात पर सदन में चर्चा कराने की मांग की।

बैठक के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार की तरफ से इस सर्वदलीय बैठक के लिए 45 राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया था जिसमें से 36 पार्टियों के नेता बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सत्र के मुद्दों को लेकर बैठक में मौजूद सभी 36 दलों ने अपनी-अपनी बातें रखी।

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