कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'वोट चोरी' और बिहार में एसआईआर को लेकर सियासत गरम है। चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस पर INDIA गठबंधन ने प्रेस कांफ्रेंस करके चुनाव आयोग से सवाल पूछा। साथ बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला।
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कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने विपक्षी दलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वोट देने का आम आदमी को संवैधानिक अधिकार है, हमारा लोकतंत्र जिंदा है तो वही आम नागरिक के वोट देने के अधिकार पर निर्भर है। चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है, लेकिन जिस प्रकार से कई सवाल राजनीतिक दल चुनाव आयोग से पूछ रहे हैं उसका उत्तर ईसी नहीं दे पा रहा है और अपने जिम्मेदारी से भाग रहा है। गौरव गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की राय एसआईआर के मुद्दे पर आया, चुनाव आयोग ने जितनी बात कोर्ट में रखे वो कोर्ट ने नकारा। ऐसे ही कल चुनाव आयोग की पीसी हुई, चुनाव आयोग को इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी कमजोरी बतानी चाहिए थी, विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए था लेकिन उन्होंने जवाब देने की बजाय राजनीतिक दलों पर आक्रमक किया। गौरव गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग एसआईआर को लागू करने में इतनी हड़बड़ी क्यों कर रहा है।
गोगई ने कहा कि ईसी को जवाब देना चाहिए था कि वोट चोरी क्यों हुई, कैसे एक घर में इतने वोटर आए, राहुल गांधी के हर सवाल के जवाब चुनाव आयोग को अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में देना चाहिए था लेकिन उन्होंने इनका जवाब नहीं दिया। गौरव गोगोई ने कहा कि चुनाव आयोग को लगता है कि बड़ी बड़ी बाते कर हमें डरा सके, मैं कहूंगा ऑफरसर आते जाते रहें लेकिन सदन हमेशा रहेगा, हम सदन से उनको जवाब देंगे।
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चुनाव आयुक्त को जवाब देना था कि
⦁ SIR की प्रक्रिया इतनी हड़बड़ी में क्यों लाई गई?
⦁ जब चुनाव सिर्फ 3 महीने बाद है, ऐसे में बिना विपक्षी दलों से चर्चा किए SIR लाने का क्या कारण था?
⦁ महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा के बीच बड़ी संख्या में वोटर कहां से आ गए?
⦁ ये निर्णय क्यों लिया गया कि पोलिंग बूथ के CCTV फुटेज को 45 दिनों में डिलीट कर दिया जाएगा?
⦁ महादेवापुरा में 1 लाख फर्जी वोटर कहां से आए?
⦁ आखिर कैसे मशीन रीडेबल इलेक्टोरल वोट प्राइवेसी का उल्लंघन हैं?
⦁ बिहार के 65 लाख मतदाताओं के नाम आखिर क्यों काटे गए, वे इसका कारण एक सर्चेबल फॉर्मेट में क्यों नहीं दे पाए?
⦁ आखिर क्यों वे वोटर आईडी के लिए आधार के खिलाफ थे?
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समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि कल ईसी ने आरोपों पर एफिडेविट मांगा, मैं याद दिलाना चाहता हूं ऐसी ही 2022 चुनाव में अखिलेश यादव के आरोपों पर ईसी ने एफिडेविट मांगा था, हमने 18 हजार गलत तरीके से काटे गए वोटों के एफिडेविट दे चुके हैं लेकिन अब तक उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे ही मैनपुरी में उपचुनाव में हमने लिखकर दिया कि एक बिरादरी के ही एसडीएम, सीओ को मैनपुरी में पोस्ट किया था। लेकिन उसपर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, सब जानके हैं कि एसडीएम वोटिंग वाले दिन क्या क्या कर सकता है।
रामगोपाल ने कहा कि ईसी का ये कहना कि बिना तथ्यों के शिकायत हो रही है वो बिल्कुल गलत है। रामगोपाल ने कहा कि दिल्ली में बहुत बड़ा घपला हुआ। यूपी में तो अभी से वोट काटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, ट्रांसफर की लिस्ट तैयार हो गई है। ये सब सामने है लेकिन चुनाव आयोग इसे इग्नोर कर रहा है।
रामगोपाल यादव ने मीडिया को सलाह दी कि विपक्ष की आवाज भी उठाईये, सिर्फ सरकार में रहने वालों को दिखाना सही नहीं है।
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आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि आपने इस तरह का प्रेस कॉन्फ्रेंस चुनाव आयोग के खिलाफ करते कभी नहीं देखा होगा। कल ईसी ने पीसी की उन्होंने हमारे सवालों का जवाब नहीं दिया। ईसी किसी के ईरादे को पब्लिक डोमिन में रखा गया। मनोज झा ने कहा कि कल का ही दिन इसलिए चुना गया क्योंकि कल विपक्ष की वोट अधिकार रैली होनी थी, चुनाव आयुक्त ने पत्रकारों के सवाल का जवाब नहीं दिया।
मनोज झा ने कहा कि हमें जब संदेह हुआ था तो चुनाव आयोग के पास हम सबसे पहले गए थे, आपका रवैया सही नहीं था, आप उस दौरान सुनना नहीं चाह रहे थे, चुनाव आयोग किसी और के कहने पर चल रहा था। अगर मामला कोर्ट नहीं जाता तो ये तो अपनी मनमानी कर रहे थे।
पूरे देश के राज्य के कहीं का भी मामला हो हमारी शिकायत है, कल ईसी ने कहा कि संविधान पर सवाल उठा रहे हैं मैं कहना चाहता हूं कि आप संविधान से जन्में हैं आप तो मोदी जी की भाषा बोल रहे थे, कोई भी हो हम संविधान की किताब से पैदा हुए हैं।
मनोज झा ने कहा कि कल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हम चुनाव आयुक्त को ढूंढ रहे थे लेकिन वो तो मिला नहीं बल्कि बीजेपी का एक और प्रवक्ता मिल गया।
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कन्हैया कुमार ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में BJP का नारा था- अबकी बार 400 पार BJP का कहना था- 400 सीट जीते तो संविधान बदल देंगे, लेकिन उनकी इस साजिश की पोल उनके कुछ बड़बोले नेताओं ने खोल दी। पहले तो BJP ये नहीं कर पाई, लेकिन अब वोट चोरी करके BJP के लोग संविधान बदलना चाहते हैं। कई सर्वे में कहा गया कि महाराष्ट्र-हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनेगी, लेकिन परिणाम उल्टा आया। इसके बाद हमें शक हुआ और हमने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट मांगी, ताकि हम धांधली की जांच कर सकें। हमारी मांग के बाद चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बार-बार कह रहा था कि वोटर लिस्ट बिल्कुल साफ है, लेकिन अब मुख्य चुनाव आयुक्त कह रहे हैं कि वोटर लिस्ट की गड़बड़ी सुधारने के लिए ही SIR कर रहे हैं। इतना कहकर ही चुनाव आयोग फंस गया और उसकी कलई खुल गई।
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शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि चुनाव आयोग की पीसी बीजेपी की पीसी लग रही थी। कल चुनाव आयुक्त बीजेपी के प्रवक्ता बने हुए थे। हमनें कल भी चुनाव आयोग से सीसीटीवी की मांग की थी। लेकिन कल वो कह रहे हैं की महिला की गोपनीयता आती है। शिवसेना ने कहा कि इस बयान से पता चलता है कि बीजेपी को कैसे चुनाव आयोग डिफेंड कर रहा है।
शिवसेना सांसद ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा में जिस तरह से वोटों की चोरी हुई उसकी शिकायत हमने भी चुनाव आयोग से कई बार की है, लेकिन अब तक चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की, हमनें कई प्रूफ भी दिए हैं। चुनाव आयोग कहता है हम पक्ष विपक्ष नहीं देखते हैं , ऐसा नहीं है ये सिर्फ पक्ष को ही देखते हैं।
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