कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बेहद कड़े और तल्ख लहजे में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस फैसले को संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक नया निम्न स्तर बताया है। ममता ने कहा कि ''पीएम मोदी के न्यू इंडिया में बीजेपी के निशाने पर विपक्षी नेता हैं।''
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सीएम ममता ने आगे कहा कि ''...जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बीजेपी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य ठहराया जाता है। आज, हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक नया निम्न स्तर देखा है।''
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस फैसले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ये सब जानबूझकर असली मुद्दे जैसे- महंगाई, बेरोजगारी और अपने मित्र उद्योगपति पर बहस से ध्यान हटाने के लिए किया गया है।
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वहीं महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि, राहुल गांधी की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है। चोर कहना हमारे देश में एक अपराध हो गया है। चोर और लुटेरे अभी भी आज़ाद हैं और राहुल गांधी को सजा मिल गई। यह लोकतंत्र की सीधी हत्या है। सभी सरकारी तंत्र दबाव में हैं। यह तानाशाही के अंत की शुरुआत है।
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राष्ट्रीय जनता दल के नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि यह यह बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्य पूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह फैसला संसदीय लोकसभा के इतिहास में सबसे बड़ा काला धब्बा है। जिस तेजी से इस पर निर्णय लिया गया है उससे पता चलता है कि लोकतंत्र को किस तरह से कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब सभी विपक्षी दलों के इसके खिलाफ खड़ा होना होगा, नहीं तो लोकतंत्र को पूरी तरह से कुचल दिया जाएगा।
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कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना मोदी सरकार की प्रतिशोध की नीति का उदाहरण है। भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है और मोदी सरकार को यही हजम नहीं हो रहा। उन्हें लग रहा है कि राहुल गांधी का मुंह बंद करना होगा क्योंकि अगर उन्हें बोलने दिया गया तो बीजेपी सरकार सत्ता से बाहर हो जाएगी।
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वहीं बिहार के मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि यह साजिश के तहत किया गया है। बिहार और पूरा देश देख रहा है कि वे (भाजपा) क्या कर रहे हैं। सब कुछ उनके (बीजेपी) के आदेश पर हो रहा है।
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बता दें कि सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने हालांकि राहुल गांधी को जमानत भी दे दी। कोर्ट उनकी सजा के अमल पर भी 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें।
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