कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लेकर केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जीएसटी को जुलाई 2017 में लागू किया गया था, और उसी समय राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने इसे "गब्बर सिंह टैक्स" करार दिया था। रमेश ने कहा कि यह ना तो 'गुड' है और ना ही 'सिंपल'।
उन्होंने आगे कहा, "हमें पहले से पता था कि नोटबंदी के बाद जीएसटी हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा। हमने सरकार को चेताया था, लेकिन उन्होंने 8 साल तक हमारी बात नहीं मानी और कोई बदलाव नहीं किया। जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाए, तब जाकर भारत सरकार को जीएसटी के ढांचे में सुधार करना पड़ा। अब वे इसे त्योहार की तरह मना रहे हैं।"
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जयराम रमेश ने जीएसटी के इतिहास की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा, "सबसे पहले 2006 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने जीएसटी का प्रस्ताव रखा था। 2010 में इसे संसद में विधेयक के रूप में पेश किया गया। करीब 2.5 साल तक यह विधेयक स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) के पास रहा। जब समिति की रिपोर्ट आई, उसी दौरान चुनावों की घोषणा हो गई।"
उन्होंने आरोप लगाया कि 2006 से 2014 के बीच सिर्फ एक मुख्यमंत्री ने जीएसटी का विरोध किया था। "वही मुख्यमंत्री 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने और 2017 में जीएसटी के मसीहा बनकर उभरे। यह पूरी तरह से यू-टर्न है।" कांग्रेस का आरोप है कि जिस टैक्स व्यवस्था को उन्होंने शुरू किया, उसे पहले भाजपा ने नकारा और बाद में उसी को बिना जरूरी सुधारों के लागू कर दिया, जिससे छोटे व्यापारियों और आम जनता को भारी नुकसान हुआ।
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