जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक समाप्त हो गई है। बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। बैठक की शुरुआत में हमले में जान गंवाने वाले लोगों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया।
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बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि बैठक बहुत सकारात्मक रही। सभी नेताओं ने एकमत से सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कदमों का समर्थन किया है। रिजिजू ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है। सभी दलों ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे और भविष्य में उठाए जाने वाले सभी कदमों का समर्थन किया है।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक के बाद कहा कि विपक्ष इस दुखद घटना पर सरकार के साथ पूरी तरह खड़ा है। उन्होंने कहा, "हमने स्पष्ट कर दिया कि सरकार इस मामले में जो भी एक्शन लेगी, विपक्ष उसका समर्थन करेगा।" कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि बैठक में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए ठोस प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना होगा।
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हालांकि सर्वदलीय बैठक में पीएम के शामिल नहीं होने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में पीएम मोदी का मौजूद रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि पीएम मोदी द्वारा लिया गया फैसला अंतिम होता है। तीन स्तरीय सुरक्षा के बावजूद सुरक्षा चूक कैसे हुई? यह सुरक्षा चूक है और सरकार ने आतंकी हमले के जवाब में तुरंत कार्रवाई नहीं की। हम देश के हित में सरकार के फैसले का समर्थन करेंगे। हम इस घटना की निंदा करते हैं... हम यह संदेश देना चाहते हैं कि देश एकजुट है।"
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सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि जब सारा देश एकजुट है, तो मीडिया और सोशल मीडिया को कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिससे यह संदेश जाए कि देश में बंटवारा है। उन्होंने कहा कि अगर कभी ऐसा होता है तो ये लोग भी जिम्मेदार होंगे। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यूएनएससी का साफ कहना है कि कोई देश आतंक को फंडिंग नहीं करें और आतंकी संगठनों को सपोर्ट नहीं करें। पाकिस्तान कई वर्षों से इसका उल्लंघन कर रहा है।
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करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में सभी दलों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता के मुद्दे पर एक स्वर में अपनी प्रतिबद्धता जताई। केंद्र सरकार ने बैठक के दौरान यह भी बताया कि हमले के अगले ही दिन पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए हैं, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब पूरे देश में इस आतंकी हमले को लेकर आक्रोश है और सरकार पर जवाबदेही तय करने का दबाव भी है। सरकार और विपक्ष का एकजुट होना देश के लिए एक मजबूत संदेश है कि आतंक के खिलाफ भारत एक है।
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