कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में जन अधिकार पार्टी (जाप) 5 जनवरी से 'किसान-मजदूर रोजगार यात्रा' की शुरुआत करेगी। इसकी शुरुआत बाबू वीर कुंवर सिंह जी की धरती आरा से होगी। इसकी घोषणा सोमवार को पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में करते हुए कहा कि 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर राज भवन मार्च निकाला जाएगा और 26 जनवरी को युवा परिषद् के द्वारा प्रत्येक जिले में किसान विरोधी सरकार के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि जब तक देश के सभी लोगों को कोरोना का टीका नहीं लग जाता है, तब तक जन अधिकार पार्टी का कोई भी सदस्य कोरोना का टीका नहीं लगवाएगा।
पूर्व सांसद ने कहा, "किसान-मजदूर रोजगार यात्रा के दौरान हम बिहार के किसानों को यह बताएंगे कि यदि देश में कहीं किसानों की सबसे ज्यादा बुरी स्थिति है तो वह बिहार में है। यहां के 40 फीसदी किसान बिना जमीन के हैं। अधिकतर किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं और सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। यह यात्रा मार्च के महीने में गांधी मैदान में समाप्त होगी।"
दिल्ली में प्रवेश न करने दिए जाने पर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पंजाब सहित कई राज्यों किसान 40 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को सरकार के साथ उनकी सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। इस आंदोलन का समर्थन करते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा, "ये लड़ाई जो किसानों ने शुरू की है, उसे पूरे देश की जनता का समर्थन मिल रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो हम ट्रैक्टर लेकर सिंघु बॉर्डर भी कूच करेंगे।"
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