हालात

माता-पिता नाजायज हो सकते हैं, बच्चे नहीं हो सकते, कर्नाटक हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

हाईकोर्ट ने कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (केपीटीसीएल) के 2011 के सर्कुलर के उस क्लॉज के खिलाफ याचिका पर यह फैसला दिया, जिसमें पहली पत्नी और समाज से छिपाकर हुई दूसरी शादी से हुए बच्चे को अनुकंपा के आधार पर नौकरी से वंचित कर दिया गया था।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक पीठ ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि कानून को इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि नाजायज माता-पिता हो सकते हैं, लेकिन बच्चे कभी भी नाजायज नहीं हो सकते। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (केपीटीसीएल) द्वारा निर्धारित एक क्लाउज के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला करते हुए बुधवार को यह टप्पणी की।

Published: 15 Jul 2021, 6:17 PM IST

केपीटीसीएल द्वारा जारी 2011 के एक सर्कुलर में उल्लेखित क्लॉज में कहा गया है कि अगर दूसरी शादी, पहली पत्नी और समाज की जानकारी के बिना गुपचुप तरीके से हुई हो तो दूसरी पत्नी या उसके बच्चे अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के योग्य नहीं हैं।

Published: 15 Jul 2021, 6:17 PM IST

इस मामले के याचिकाकर्ता को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति से वंचित कर दिया गया था, क्योंकि केपीटीसीएल ने कहा था कि दूसरी पत्नी या उसके बच्चे अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने के योग्य नहीं हैं। याचिकाकर्ता के पिता, जो एक लाइनमैन के रूप में काम करते थे, उनकी जून 2014 में मृत्यु हो गई थी। अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग करने वाले उनके बेटे के आवेदन को केपीटीसीएल ने खारिज कर दिया था।

Published: 15 Jul 2021, 6:17 PM IST

इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट की सिंगल जज बेंच ने उनकी याचिकाओं को मंजूर नहीं किया। हालांकि, खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार कर लिया और बुधवार को शिकायत का समाधान करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

Published: 15 Jul 2021, 6:17 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 15 Jul 2021, 6:17 PM IST