प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के मोतिहारी में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने 7200 करोड़ रुपए की योजनाओं की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को आरजेडी के राज्यसभा सांसद व प्रवक्ता मनोज झा ने भावविहीन, दर्शनविहीन, भ्रम की स्थिति पैदा करने वाला और खाली पोटली वाला बताया।
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आरजेडी कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 7200 करोड़ की योजना को 'सौगात' कहकर लोकतंत्र का उपहास बनाया है। सभी को पता है कि बिहार के गरीब, किसान, मजदूर, डॉक्टर, वकील और व्यापारी की गाढ़ी कमाई के टैक्स से विकास योजनाएं सरकार के माध्यम से चलती हैं, लेकिन इस तरह की शब्दावली बोलकर इन्होंने जिस तरह की बातें की हैं, यह कहीं से उचित नहीं है।
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उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि पटना को पुणे बनाने की बात करने वाले ये बताएं कि पारस अस्पताल में आपने इस तरह की डरावनी छवियां कभी बिहार में देखी हैं क्या? आज अपराधी बिहार में बेखौफ हैं और अपराधियों के खौफ के कारण लोग डरावनी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किस मुंह से 'जंगलराज' की बात करेंगे जबकि बिहार में 'महाजंगलराज' जैसी स्थिति दिख रही है। बिहार में दिल्ली दरबार से सरकार चल रही है।
उन्होंने आगे कहा कि 11 वर्ष पहले मोतिहारी में पीएम नरेंद्र मोदी ने ही कहा था कि मोतिहारी चीनी मिल चालू करवाकर उसी चीनी की चाय पीयेंगे, लेकिन आज तक मोतिहारी के लोग इंतजार ही कर रहे हैं।
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आरजेडी नेता ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव ने नौकरी, रोजगार, विकास और बिहार में महिलाओं तथा गरीबों के लिए जो लकीर खींच दी है, उसके पीछे-पीछे चलने को डबल इंजन सरकार मजबूर है। 17 महीने में तेजस्वी यादव ने 5.50 लाख नौकरी दी और 3.50 लाख प्रक्रियाधीन छोड़कर आये। प्रधानमंत्री आपने कहीं न कहीं तथ्यों से अलग हटकर जो मिथ्या बातें कीं, वह उचित नहीं हैं। आपको ईमानदारी से ये बताना चाहिए था कि औद्योगिक क्षेत्र और पूंजी निवेश के मामले में गुजरात के लिए सब कुछ करते हैं, लेकिन बिहार के लिए कुछ नहीं।
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