
कांग्रेस ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कम से कम चार ऐसे कर्तव्यों के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता ‘‘स्पष्ट रूप से संदिग्ध’’ है, जिनमें संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों और संस्थानों का सम्मान करना शामिल है।
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मुख्य विपक्षी दल ने यह हमला उस वक्त किया जब प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को नागरिकों से अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने का आग्रह किया और कहा कि ये मजबूत लोकतंत्र की नींव हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘संविधान का भाग चतुर्थ-ए, अनुच्छेद 51-ए मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है और उनमें से ग्यारह की गणना की गई है। लेकिन क्या प्रधानमंत्री एक नागरिक और नेता के रूप में अपने मौलिक कर्तव्यों को भी पूरा कर रहे हैं?’’
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उन्होंने दावा किया, ‘‘कम से कम चार मौलिक कर्तव्य हैं जिनके प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से संदिग्ध है। ये कर्तव्य हैं- संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों और संस्थानों का सम्मान करना, स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित करने वाले महान आदर्शों को संजोना और उनका पालन करना, धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय विविधताओं से परे भारत के सभी लोगों के बीच सद्भाव और सामान्य भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना तथा वैज्ञानिक चेतना, मानवतावाद और जांच-परख एवं सुधार की भावना विकसित करना है।’’
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संविधान दिवस पर नागरिकों को संबोधित पत्र में प्रधानमंत्री ने मताधिकार का प्रयोग करके लोकतंत्र को मजबूत करने की जिम्मेदारी पर भी जोर दिया और सुझाव दिया कि स्कूल और कॉलेज 18 वर्ष की आयु पूरी करके पहली बार मतदाता बनने वालों का सम्मान करते हुए संविधान दिवस मनाएं।
मोदी ने महात्मा गांधी के इस विचार को याद किया कि अधिकार कर्तव्यों के निर्वहन से ही प्राप्त होते हैं।
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