केरल के वायनाड से सांसद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लोकसभा में वायनाड में पिछले साल आई भीषण प्राकृतिक आपदा का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि राहत के रूप में दी गई ऋण राशि को माफ किया जाए, ताकि प्रभावित लोग अपने जीवन को दोबारा शुरू कर सकें।
प्रियंका गांधी ने शून्यकाल के दौरान कहा कि वायनाड में एक साल पहले भयंकर भूस्खलन हुआ था, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई और 17 परिवार पूरी तरह तबाह हो गए। इस आपदा में 1600 इमारतें ध्वस्त हो गईं और सैकड़ों एकड़ जमीन पर खड़ी फसलें नष्ट हो गईं। इसका सीधा असर किसानों, व्यापारियों और आम जनता की आजीविका पर पड़ा।
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कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि आपदा राहत के लिए अब तक जो फंड जारी किया गया है, वह न सिर्फ अपर्याप्त है, बल्कि उसे ऋण के रूप में दिया गया, जो पूरी तरह से असंवेदनशील और अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा, "लोगों ने सब कुछ खो दिया और अब उनसे यह उम्मीद की जा रही है कि वे पुनर्निर्माण के साथ-साथ ऋण भी चुकाएं। क्या यह न्यायसंगत है?"
प्रियंका गांधी ने बताया कि क्षेत्र के लोगों की मांग थी कि इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए, लेकिन सरकार ने सिर्फ इसे “गंभीर प्रकृति की आपदा” माना। उन्होंने यह भी कहा कि एक साल बाद भी पीड़ित परिवार संघर्ष कर रहे हैं।
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प्रियंका गांधी लोकसभा में अपील करते हुए कहा, "मैं वायनाड की जनता की ओर से केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि वह इन ऋणों को माफ करे, जो उसके लिए बहुत बड़ी राशि नहीं है, लेकिन प्रभावितों के लिए राहत की एक बड़ कदम हो सकता है।"
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