कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। आगरा में पुलिस हिरासत में मरने वाले सफाई कर्मी के परिजनों से वह मिलने जा रहीं थी। पुलिस का कहना है, वहां धारा 144 लागू है। पुलिस के मुताबिक, प्रियंका गांधी को पुलिस लाइंस ले जाया जा रहा है। उन्हें आगरा नहीं जाने दिया जाएगा।
वहीं, एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्ण ने कहा कि मुकदमा पहले ही कायम हो चुका है, इसकी निष्पक्ष विवेचना के लिए जांच ज़िले से बाहर की जाएगी। थाना जगदीशपुरा की जांच टीम में 5 सदस्य शामिल थे, उनको आरोपों के मद्देनज़र निलंबित कर दिया गया है, इसकी जांच एक गजेटेड ऑफिसर द्वारा की जाएगी।
आरोप है कि अरुण कुमार नाम के सफाईकर्मी की पुलिस हिरासत में पिटाई से मौत हुई है। यूपी कांग्रेस ने ट्वीट करके कहा कि बीजेपी की तानाशाही हुकूमत की पुलिस द्वारा प्रियंका गांधी को हिरासत में लेना निंदनीय है, संवैधानिक अधिकारों का हनन है। हम अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई को जारी रखेंगे।
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इससे पहले यूपी कांग्रेस ने ट्वीट करके पूछा कि इतना डर किस बात का है आदित्यनाथ ? न्याय मांगना गुनाह है क्या?
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आगरा जाने से रोके जाने पर प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा कि पुलिस की खुद स्थिति यह हो गई है कि वे कुछ कह नहीं पा रहे हैं। उनके अधिकारी भी जानते हैं कि ये गलत है इसके पीछे कुछ कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। हर जगह कहते हैं कि धारा-144 है।
इससे पहले प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर लिखा, ''अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई. उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। यूपी सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है।''
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वही कांग्रेस ने पूछा कि मुख्यमंत्री जी, आखिर आगरा में क्या छुपाना चाहती है आपकी सरकार? पुलिस के दम पर मुझसे, हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की, बदसुलूकी करवा अपनी तानाशाही राजनीति का परिचय मत दो। कांग्रेस पार्टी पीछे नहीं हटेगी, जुल्म नहीं सहेगी।
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आखिर क्या है मामला?
आगरा में 19 अक्टूबर को मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में आरोपी सफाई कर्मचारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। सफाई कर्मचारी की मौत से स्थानीय लोगों में गुस्सा है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया है। लोगों की मांग है कि मृतक के परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दी जाए।
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