
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) से जुड़ी अनियमतताओं की खबरोंं का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि पेशेवर संस्थानों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की व्यवस्थित ‘घुसपैठ’ हो रही है और इन्हें बर्बाद किया जा रहा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक खबर का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि घोटाले के केंद्र में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना (एबीआईएसवाई) नामक आरएसएस संगठन है। मुख्य विपक्षी दल के आरोपों पर फिलहाल आईसीएचआर और एबीआईएसवाई की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मई, 2014 के बाद से पेशेवर संस्थानों में आरएसएस की व्यवस्थित घुसपैठ हुई है और ऐसा एक उदाहरण भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अब इन कार्यकर्ताओं पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) जैसी किसी संस्था द्वारा वित्तीय कदाचार का आरोप लगाया गया है। यह 14 करोड़ रुपये का घोटाला है, जो आईसीएचआर के लिए एक बड़ी रकम है।’’
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मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए रमेश ने आरोप लगाया कि घोटाले के केंद्र में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना (एबीआईएसवाई) नामक आरएसएस संगठन है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘आईसीएचआर अकेला नहीं है। शीर्ष विश्वविद्यालयों सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों को बेहद संदिग्ध शैक्षणिक साख वाले आरएसएस समर्थकों द्वारा नष्ट किया जा रहा है। हमें वास्तव में आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए क्योंकि यह संदेह बहुत ऊपर से शुरू होता है।’’
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खबर में दावा किया गया है कि सीवीसी आईसीएचआर में 14 करोड़ रुपये के ‘‘घोटाले’’ की जांच कर रही है और उसने सरकार को एबीआईएसवाई के कुछ सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। आईसीएचआर और एबीआईएसवाई की तरफ से इस खबर पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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