पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर जम्मू एवं कश्मीर के 155 नेताओं और 18 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई है। 14 फरवरी को हुए सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 49 जवान शहीद हो गए थे। गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार शाम को जारी बयान के अनुसार 18 फरवरी को हटाई गई अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा के अलावा अलगाववादियों और मुख्यधारा के कुछ नेताओं की सुरक्षा हटाई जा रही है या कम की जा रही है।
नए आदेश के मुताबिक, नई सूची में नेशनल कांफ्रेंस, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), बीजेपी नेताओं के नाम शामिल हैं। जिन लोगों की सुरक्षा हटाई गई है, उनमें हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासिन मलिक, पूर्व आईएस अधिकारी शाह फैजल और पीडीपी नेता वहीद पारा भी शामिल हैं। अधिकारियों मे यहां कहा, “इन लोगों को प्रदान किए गए 1,000 से अधिक निजी सुरक्षा गार्ड और 100 वाहन हटाए जा रहे हैं।” बताया जा रहा है कि 4 बड़े अलगाववादी नेताओं में मीरवाईज उमर फारूक, शबीर शाह, प्रोफेसर अब्दुल गानी भट और बिलाल लोन की सुरक्षा सोमवार को हटा ली गई थी।
राज्य के मुख्य सचिव बीवी आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि समीक्षा बैठक में यह महसूस किया गया कि इन अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराना राज्य के सीमित संसाधनों की बर्बादी है जिनका प्रयोग किसी अच्छी जगह पर किया जा सकता है।
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खतरे की आशंका और गतिविधियों का आकलन करने के बाद 155 राजनीतिक व्यक्तियों और कार्यकर्ताओं का भी सुरक्षा कवर हटाया गया है क्योंकि अब इसकी जरूरत नहीं थी। अधिकारियों के अनुसार, सूची में पीडीपी के नेताओं का नाम ज्यादा है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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