हालात

पंजाब सरकार दिल्ली में गिराए गए रविदास मंदिर के निर्माण का खर्च उठाने को तैयार, सीएम चन्नी ने की पेशकश

दिल्ली के तुगलकाबाद में सदियों पुराने रविदास मंदिर को डीडीए ने 10 अगस्त 2019 में ध्वस्त कर दिया था। अब डीडीए ने हाल में गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर चमरवाला जोहर तुगलकाबाद समिति से मंदिर के जमीन के अधिग्रहण के लिए 4.33 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार राजधानी दिल्ली में संत रविदास मंदिर के निर्माण के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा भूमि आवंटन के लिए मांगी गई पूरी रकम देने के साथ ही मंदिर निर्माण पर होने वाला पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करने के लिए तैयार है।

Published: undefined

दिल्ली के तुगलकाबाद में सदियों पुराने रविदास मंदिर को डीडीए ने 10 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्त कर दिया था। तब से लेकर अब तक दलित संगठनों द्वारा कई विरोध प्रदर्शन किए जा चुके हैं। इस मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में तत्कालीन दिल्ली सम्राट सिकंदर लोधी द्वारा आवंटित भूमि पर किया गया था। गुरु रविदास ने दिल्ली में उसी स्थान पर तीन दिन बिताए थे, जहां यह मंदिर बनाया गया था।

Published: undefined

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने हाल में गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर चमरवाला जोहर तुगलकाबाद समिति से चार सौ वर्ग मीटर जमीन के अधिग्रहण के लिए 4.33 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कीमत बहुत अधिक होने के चलते बहुत से लोगों ने पंजाब सरकार से इसमें योगदान देने को कहा है।

Published: undefined

सीएम चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार गुरु रविदास की विचारधारा को पहले से मानती रही है, इसलिए उसने निर्णय लिया है कि अगर समिति चाहे तो तुगलकाबाद में मंदिर निर्माण की खातिर जमीन अधिग्रहण के लिए पंजाब सरकार पूरा खर्च वहन करने को तैयार है।

संत रविदास 16वीं सदी के आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी पूजा दलित करते हैं। उनकी कई शिक्षाओं को सिखों के लिए सबसे पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में भी शामिल किया गया है। पंजाब के जालंधर, होशियारपुर, नवांशहर और कपूरथला जिलों सहित राज्य के दोआबा क्षेत्र में दलित समुदाय की एक बड़ी आबादी है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined