
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक खबर का हवाला देते हुए दावा किया कि भारतीय रेलवे में कार्यरत लोको पायलट को शौच के लिए ब्रेक तक नहीं दिया जा रहा है जो न सिर्फ उनके साथ अन्याय है, बल्कि यात्रियों को सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने यह भी कहा कि यह न्याय की लड़ाई है और वह लोको पायलट के लिए आवाज उठाते रहेंगे।
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राहुल गांधी ने एक हिंदी दैनिक की खबर का हवाला देते हुए एक्स पर पोस्ट किया, "पिछले साल जब मैं रेलवे के लोको पायलटों से मिला, तो उनकी स्थिति जानकर गहरी चिंता हुई थी। 14-14 घंटे की शिफ्ट, लगातार रात की ड्यूटी, न पर्याप्त आराम, न खाने का ब्रेक और न शौचालय की सुविधा है।" कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पिछले साल जुलाई में दिल्ली में रेलवे के लोको पायलटों के एक समूह से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का जाना था।
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कांग्रेस के नेता ने कहा कि हादसों के बाद रेलवे 'मानवीय चूक' कहकर पल्ला झाड़ लेता है, लेकिन यह नहीं बताता कि कर्मचारियों से कैसे अमानवीय तरीके से काम लिया जाता है। राहुल गांधी के अनुसार, लोको पायलटों की बुनियादी मांगें थीं कि काम के घंटे तय हों और बेहतर माहौल मिले, लेकिन सरकार ने सिर्फ दिखावे के लिए समिति बना दी और समस्या के समाधान की उसकी कोई मंशा नहीं थी।
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उन्होंने दावा किया, "अब खाना और टॉयलेट ब्रेक जैसी मांगें भी यह कहकर ठुकरा दी गई हैं कि "यह व्यावहारिक नहीं है।" ये न सिर्फ लोको पायलटों के साथ अन्याय है, बल्कि उन करोड़ों यात्रियों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ है जो ट्रेनों से सफर करते हैं।" कांग्रेस नेता ने कहा, "यह न्याय की लड़ाई है और हम इसमें लोको पायलटों के साथ हैं — जब तक सरकार बहरी बनी रहेगी, हम उनकी आवाज़ उठाते रहेंगे।"
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