कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को राफेल सौदे पर हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के कर्मचारियों से बात करने के लिए कनार्टक की राजधानी बेंगलुरु पहुंचे। कांग्रेस अध्यक्ष ने एचएएल की काबिलियत पर भरोसा जताते हुए कहा कि देश की यही इकलौती कंपनी है जिसके पास एयरक्राफ्ट बनाने का अनुभव है। उन्होंने एचएएल कर्मचारियों से कहा कि राफेल सौदा पर असल हक आपका बनता है।
उन्होंने कहा, “एचएएल, मेरे लिए, सिर्फ एक कंपनी नहीं है। जब हमें अपनी आजादी मिली, तो भारत ने एयरोस्पेस के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए रणनीतिक संपत्तियां बनाईं। आपने जो काम किया है, वह जबरदस्त है। जब ओबामा कहते हैं कि अमेरिका को चुनौती देने वाले दो देश हैं- भारत और चीन तो आप (एचएएल) इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो”
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उन्होंने कहा, 'राफेल डील एचएएल से छीनकर सरकार ने रिलायंस डिफेंस को दे दिया, जिससे आपको झटका लगा है, जिसके लिए मैं भारत सरकार की तरफ से एचएएल से माफी मांगता हूं, क्योंकि मुझे पता है कि सरकार स्थिति सुधारने के लिए कुछ भी नहीं करेगी। मैं यह भी जानता हूं कि वे माफी नहीं मांगेंगे। उनकी तरफ से मैं मांफी मांगता हूं। साथ ही आपको वादा करता हूं कि आपके हक के लिए हम लड़ते रहेंगे।”
एएचएल कर्मचारियों से मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दो टूक कहा कि आधुनिक भारत के संस्थानों पर हमला किया जा रहा और उन्हें नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा करने की इजाजत नहीं दे सकते। उन्होंने कहा, “एचएएल और अनिल अंबानी की कंपनी के बीच कोई मुकाबला ही नहीं है।”
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राहुल गांधी ने एएचएल की तारीफ करते हुए कहा, “वास्तव में राफेल आपका अधिकार है। आपके पास विमान बनाने का अनुभव है। अंबानी की कंपनी के पास ना तो अनुभव है और ना ही क्षमता है। ऐसे में मैं पूछना चाहता हूं कि अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट क्यों दिया गया।” उन्होंने कहा, “सरकार के एक व्यक्ति ने कहा कि एचएएल के पास राफेल विमान बनाने की क्षमता नहीं है, मैं पूछना चाहता हूं कि जिनको कॉन्ट्रैक्ट मिला है, उनके पास क्या बनाने की क्षमता है। बीते 70 सालों में एचएएल ने सुखोई जैसे कई विमान बनाए, लेकिन वे लोग कह रहे हैं कि एचएएल के पास क्षमता नहीं है।”
इस दौरान एचएएल के सेवानिवृत्त कर्मचारी सिराजुद्दीन ने कहा कि एचएएल से राफेल सौदा छीनकर गलत किया गया है। उन्होंने कहा कि हम राफेल बनाने के लिए सक्षम हैं, लेकिन सरकार ने हमसे यह मौका छीन लिया। उन्होंने कहा, “70 साल के अनुभव वाली एचएएल को राफले समझौते से बहार फेंक दिया गया है। मुझे समझ नहीं आता। एक बड़ी और अनुभवी कंपनी जिसे सुधारना चाहिए था। आप उसे मार रहे हो।”
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